नैनीताल (नेटवर्क 10 संवाददाता)। अगर निचली अदालत ने कोई मुकदमा स्थगित किया तो उसे इसका कारण बताना होगा। नैनीताल हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि अदालत को किसी जांच या मुकदमे को स्थगित करना पड़े तो कारण बताना होगा। गवाहों के परीक्षण को वरीयता दी जाएगी। अपरिहार्य कारण होने पर ही परीक्षण स्थगित किया जाएगा।
गुरुवार शाम हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल धनंजय चतुर्वेदी की ओर से जारी अधिसूचना में अभियोजन, बचाव पक्ष व न्यायालय के लिए दिशानिर्देश दिए गए हैं। कहा गया है कि क्रिमिनल कोर्ट के पीठासीन अधिकारी आवश्यक होने पर प्रश्न और उत्तर प्रारूप में बयान दर्ज करेंगे। अभियोजन या बचाव पक्ष के वकील की ओर से ली गई आपत्तियों को नोट कर साक्ष्य होने पर निर्णय लेंगे। जिरह के दौरान गवाह का खंडन करने के लिए इस्तेमाल किए गए कोड की धारा 161 के तहत दर्ज बयानों के प्रासंगिक हिस्से को ही निकाला जाएगा।