एशिया में सबसे अधिक भ्रष्टाचार भारत में- ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल

करप्शन पर नजर रखने वाली संस्था ‘ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल’ ने एशिया में भ्रष्टाचार को लेकर एक रिपोर्ट जारी किया है. इस रिपोर्ट के मुताबिक एशिया में सबसे अधिक भ्रष्टाचार दर भारत में है. इसके अलावा एशिया में सबसे अधिक भारतीयों ने ही अपने व्यक्तिगत संबंधों का इस्तेमाल कर सरकारी कार्यालयों में अपना काम करवाया है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत में भ्रष्टाचार दर 39 फीसदी है जो एशिया में सबसे अधिक है. इसके अलावा एशिया में सबसे अधिक 46 फीसदी भारतीयों ने अपने व्यक्तिगत संबंधों का उपयोग कर सरकार काम करवाए.
पूरे एशिया की बात करें तो इस महाद्वीप में 50 फीसदी लोगों ने माना कि उन्होंने घूस दिया है और 32 फीसदी लोगों ने यह माना है कि उन्होंने व्यक्तिगत संबंधों के जरिए सरकारी काम करवाए. यह सर्वे 17 जून से 17 जुलाई के बीच 2 हजार भारतीयों के बीच कराया गया.

18 फीसदी लोगों ने वोट के बदले पैसे की बात मानी

भारत में 89 फीसदी लोगों का मानना है कि सरकारी भ्रष्टाचार बहुत बड़ी समस्या है. 18 फीसदी लोगों ने वोट के बदले कुछ रिश्वत ली और 11 फीसदी लोगों ने या तो सेक्सटॉर्शन का सामना किया है या उन्हें इसके भुक्तभोगी के बारे में जानकारी है. भारत, मलेशिया, थाइलैंड, श्रीलंका और इंडोनेशिया जैसे कुछ देशों में सेक्सुअल एक्सटॉर्शन रेट बहुत अधिक हैं. रिपोर्ट के मुताबिक इन देशों में सेक्सटॉर्शन को रोकने के लिए अभी बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है. सेक्सटॉर्शन पैसे वसूली या सेक्सुअल फेवर का एक ऐसा तरीका है जिसमें मार्फ्ड इमेज (फोटोशॉप की गई फोटोज) जैसे तरीकों से किसी की सेक्सुअल एक्टिविटी को सार्वजनिक करने की धमकी दी जाती है.

सरकार पर लोगों का है भरोसा

भारत में भ्रष्टाचार बहुत बड़ी समस्या है लेकिन उससे भी बड़ी समस्या इसकी शिकायत करना है. सर्वे में 63 फीसदी भारतीयों का मानना है कि अगर वे भ्रष्टाचार की शिकायत करते हैं तो उन्हें कई समस्याएं झेलनी पड़ सकती हैं. भारत में भ्रष्टाचार की समस्या बहुत बड़ी है. हालांकि सर्वे में शामिल 63 फीसदी लोगों का मानना है कि सरकार इससे निपटने के लिए बेहतर कोशिश कर रही है. इसके अलावा 73 फीसदी लोगों का मानना है कि करप्शन से लड़ाई में एंटी-करप्शन एजेंसी बेहतर काम कर रही है.

सबसे कम घूसखोरी जापान और मालदीव में

भारत के बाद भ्रष्टाचार की समस्या सबसे अधिक कंबोडिया में है. कंबोडिया में ब्राइबरी रेट 37 फीसदी और इंडोनेशिया में 30 फीसदी है. सबसे कम भ्रष्टाचार जापान और मालदीव में, करीब 2 फीसदी है. इसके बाद दक्षिण कोरिया में सबसे कम 10 फीसदी और नेपाल में 12 फीसदी है. यह सर्वे 17 देशों के करीब 20 हजार लोगों पर आयोजित किया गया. रिपोर्ट के मुताबिक हर चार में तीन लोगों को लगता है कि उनके देश में भ्रष्टाचार बहुत बड़ी समस्या है और हर पांच में एक शख्स ने स्वास्थ्य या शिक्षा जैसी सरकारी सेवाओं के लिए पिछले साल रिश्वत दी है.

यूजर फ्रेंडली ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से कम होगी घूसखोरी

सरकारी संस्थानों में घूसखोरी महामारी की तरह फैली हुई है, धीमी और कठिन नौकरशाही प्रक्रिया, अनावश्यक लालफीताशाही और अस्पष्ट नियामकीय कानूनों के कारण भारतीयों को अपना काम करवाने के लिए घूसखोरी या व्यक्तिगत संबंधों का सहारा लेना पड़ता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि घूसखोरी और भाई-भतीजावाद से निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को यूजर फ्रेंडली ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तैयार करना चाहिए. इससे लोगों को आसानी से और प्रभावकारी तरीके से सरकारी सेवाएं मिलेंगी और भ्रष्टाचार में कमी आएगी.

रिपोर्ट में कहा गया है कि भ्रष्टाचार को रोकने के लिए इसे अपराध घोषित करना चाहिए और उचित तरीके से इसकी जांच कर दोषियों को सजा दिलवानी चाहिए. ऐसा सिस्टम बनाना चाहिए जिससे नागरिक बिना डर के किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार की शिकायत कर सकें. रिपोर्ट के मुताबिक नागरिक भविष्य को लेकर सकारात्मक हैं और उन्हें लगता है कि साधारण लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में अहम योगदान कर सकते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *