लगता है कि देश के प्रधानमंत्री भी कांग्रेस नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के फैन हो गए हैं। दरअसल हरीश रावत जब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने लोकल प्रोडक्ट्स को हमेशा प्राथमिकता दी। मुख्यमंत्री न रहते हुए भी आज भी हरीश रावत अपने पहाड़ के उत्पादों का खूब प्रचार प्रसार करते हैं। आखिर मोदी भी हरीश रावत की दिखाई लाइन को आत्मसात कर गए। पीएम मोदी ने जब देश को संबोधित किया तो साफ कहा कि देश तभी आत्मनिर्भर बनेगा जब हम लोकल प्रोडक्शन को महत्ता देंगे और लोकल को ग्लोबल बनाएंगे।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत जब भी अपना गेट-टुगेदर करते थे या करते हैं, वे उसमें लोकल प्रोडक्ट्स को ही शरीक करते हैं। उनकी पार्टीज में ककड़ी का रायता, काफल पार्टी, मंडुवे की रोटी, आलू के गुटके, गींठी की सब्जी, काले भट्ट की चड़क्वांणी, गहथ के पराठे, भट्ट के डुबके आदि प्राथमिकता में रहते हैं।
अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में हरीश रावत ने पहीड़ी उत्पादों के मूल्य तक निर्धारित किए थे। पहीड़ी फलों के भी मूल्य निर्धारित किए गए थे। वे पहाड़ी अनाज के प्रोडक्ट्स को हमेशा ही प्रचारित करते रहे हैं। उन्होंने हमेशा कहा कि पहाड़ी प्रोडक्ट्स से उत्तराखंड की पहचान है और इनकी ग्लोबल मार्केटिंग होनी चाहिए।
हरीश रावत का पूरा जोर कभी काफल कभी ककड़ी कभी मंडुवा कभी झंगोरे की खीर कभी चेंसू का साग,कभी
#काले_भट्ट के #डुबके कभी #गेठी के गुटके ,कभी #मडुवे की रोटी पर कु होता था जो अब भी नही समझे वह कल का भाषण सुन ले मोदी जी का समझ आ जायेगा और अगर तब भी समझ ना आये तो बता देता हूँ कि पलायन को रोकने के साथ साथ अपने खान पान को लोग ना भूले इसलिए हरीश रावत हमेशा इनको बढ़ावा देते है । और एक #business concept भी हो सकता है अगर लोग खेती की तरफ रुचि दिखाये और सरकार साथ दे ।
देश को संबोधित करते हुए मंगलवार रात्रि देश के पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘आज से हर भारतीय को अपने लोकल के लिए मुखर होना हागा. उसे न केवल लोकल चीजें खरीदने के लिए बल्कि गर्व से उसे बढ़ावा देने के लिए भी मुखर होना होगा।’
उन्होंने कहा, ‘वैश्विक ब्रांड भी कभी इसी तरह लोकल थे. लेकिन जब लोगों ने उनका इस्तेमाल करना शुरू कर दिया, वे उन्हें बढ़ावा देने लगे, उनकी ब्रांडिंग करने लगे और उन पर गर्व महसूस करने लगे, वे लोकल प्रोडक्ट से वैश्विक बन गये।’ मोदी ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि देश ऐसा कर सकता है।
ऐसा लगता है कि हरीश रावत की लोकल ब्रांडिंग कहीं न कहीं पीएम मोदी ने भी देखी है, अगर नहीं भी देखी है तो हरीश रावत के विजन से उनका विजन भी मिलता है ये पक्का है। फेसबुक में हरीश रावत एक विचार नाम के पेज में भी इस तरह की बात को पोस्ट किया गया है।
तो आइए आप और हम सब मिलकर लोकल प्रोडक्ट्स को अहमियत दें, उन्हें इस्तेमाल करें।