कोटद्वार (नेटवर्क 10 संवाददाता)। कोटद्वार में खनन माफिया ने सारे हदें पार कर दी हैं और प्रशासन है कि उसे कुछ दिख ही नहीं रहा है। प्रशासन की नाक के नीचे सारा खेल चल रहा है, दिन भर खनन सामग्री से लदे डंफर शहर में फर्राटा भर रहे हैं लेकिन इन पर कार्रवाई होती ही नहीं। ऐसा लगता है कि या तो अफसरों ने इनसे मिलीभगत कर रखी है या फिर माफिया खौफ इस कदर है वे कार्रवाई से डर रहे हैं।
इलाके की नदियों में रीवर ट्रेनिग के नाम पर जमकर खनन का खेल चल रहा है। देर शाम तक नदियों में खनन का काम धड़ल्ले से जारी है। ऐसा नहीं है कि अफसरों को इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन वे आंखें मूंदे बैठे हैं। सड़कों पर दौड़ रहे ओवरलोडेड ट्रक दुर्घटनाओं को न्यौता दे रहे हैं। खननकारी डंपरों में निर्धारित क्षमता से तीन गुना अधिक माल ढ़ो रहे हैं। प्रशासन ने पिछले तीन दिनों में ओवरलोडिग के मामले में उपखनिज से लदे पांच डंपरों को सीज भी किया था, लेकिन सिलिसला थमने का नाम नहीं ले रहा है।
आपको बता दें कि लॉकडाउन के दौर में जिला प्रशासन ने सुबह सात बजे से शाम चार बजे तक ही व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन की अनुमति दे रखी है लेकिन यहां नदियों में लगाई गई भारी भरकम मशीनों से नदियों का सीना चीरने का काम देर शाम तक चल रहा है। अंधेरे में भी खनन का काम किया जा रहा है और डंफर बेलगाम होकर शहर के बीचोंबीच दौड़ रहे हैं।
आपको बता दें कि प्रशासनिक नियमों के मुताबिक रीवर ट्रेनिग के लिए पट्टे जारी किए गए हैं और साफ शर्त है कि खनन का कार्य सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही चलेगा। खबर में जो तस्वीर दिखाई गई है ये वे ट्रक हैं जो प्रशासन ने सीज किए थे। पिछले तीन दिनों में प्रशासन ने ओवरलोडिग के मामले में तीन डंपर सीज किए हैं। नायब तहसीलदार राजेंद्र प्रसाद मंमगाई ने बताया कि बीती रात साढ़े दस बजे खोह नदी से उपखनिज लेकर आ रहे दो डंपरों को कौड़िया चैक पोस्ट पर रोका गया। चैकिग के दौरान जहां 15 टन क्षमता वाले डंपर में 45 टन माल मिला, वहीं 10 टन क्षमता वाले डंपर में 58 टन माल भरा हुआ था। दोनों डंपरों को सीज कर दिया गया है। दो दिन पूर्व भी ओवरलोडिग के मामले में तीन डंपर सीज किए गए।