खटीमा: वन रेंज की लोहियाहेड रोड पर जंगल किनारे इन दिनों अस्पतालों द्वारा मेडिकल वेस्ट डाला जा रहा है. जिससे वन्य जीवों को खतरा पैदा हो गया है. साथ ही खतरनाक बायो मेडिकल कूड़े से पर्यावरण को भी खतरा बना हुआ है
खटीमा में कुछ निजी अस्पताल सरकार द्वारा बायो मेडिकल कूड़े के निस्तारण किये जाने के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. निजी अस्पतालों द्वारा बायो मेडिकल कूड़े को जंगलों में डाला जा रहा है. जो पर्यावरण के साथ ही वन्य जीवों के लिए काफी खतरनाक है. लेकिन उसके बावजूद भी निजी अस्पतालों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है. खटीमा वन रेंज के जंगलों में अस्पतालों की एक्सपायरी दवाइयां, इंजेक्शन और बायो मेडिकल कूड़ा चारों तरफ बिखरा हुआ है.
जंगलों में अस्पतालों के कूड़े को फेंके जाने को लेकर स्थानीय लोगों में भी रोष है. साथ ही उन्होंने इस मामले में निजी अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही. जबकि, आईएमए के शाखा अध्यक्ष डॉ. उमेश कुमार ने कहा कि सरकार के नियमों के हिसाब से मेडिकल वेस्ट का निस्तारण अस्पतालों द्वारा एक एनजीओ के माध्यम से कराया जा रहा है. उसके बावजूद कोई अस्पताल अगर बायो मेडिकल कूड़े को जंगलों में फेंक रहा है तो वह गलत है.
वहीं, जंगलों में कूड़े डाले जाने के सवाल पर वन विभाग के एसडीओ बाबू लाल का कहना है कि मेडिकल वेस्ट को जंगलों में डालने का मामला अभी उनके संज्ञान में नहीं आया है. पहले भी नगर पालिका की गाड़ियों के खिलाफ वन विभाग ने कार्रवाई की थी. फिर भी अगर कोई अस्पताल जंगलों में बायो मेडिकल कूड़े को डाल रहा है तो उसकी पहचान कर उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि एनजीटी के सख्त नियमों के बावजूद भी खटीमा के कुछ निजी अस्पताल अपने खर्चे को बचाने के लिए अस्पतालों के खतनाक कूड़े को जंगलों में फेंक नियमों धज्जियां उड़ा रहे हैं.