MBBS छात्र छात्राओं ने मेडिकल कालेज को पीपीपी मोड में देने का किया विरोध

  • कालेज के गेट पर पोस्टर चस्पा कर दिखाया गुस्सा
  • शारदा एजुकेशनल ट्रस्ट चलाएगी हरिद्वार मेडिकल कालेज को
  • देखें, स्वास्थ्य सचिव व स्टूडेंट्स के पत्र

हरिद्वार: राजकीय मेडिकल कालेज को पीपीपी मोड में दिए जाने का विरोध शुरू हो गया है। नाराज छात्र छात्राओं ने कॉलेज के गेट पर पोस्टर चस्पा करते हुए अपना विरोध दर्ज कराया।
2024-25बैच के एमबीबीएस छात्र राजकीय मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य को पत्र लिख कर अपना विरोध जताया।

छात्रों का कहना है कि कॉलेज में गवर्मेंट सीट पायी थी लेकिन अब कॉलेज को प्राइवेट यूनिवर्सिटी को दिया जा रहा है। जिससे हम बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं है। साथ ही यह भी कहा कि एवं पूर्ण रूप से इस PPP मीड के निर्णय का हम विरोध करते है।

इस मुद्दे के भड़कने के बाद नया नवेला हरिद्वार मेडिकल कालेज राजनीति व शासकीय अखाड़े में फंसता नजर आ रहा है।छात्रों का पक्ष देखें

हमें काउंसलिंग प्रक्रिया से पहले अवगत नहीं कराया गया कि यह कॉलेज प्राइवेट यूनिवर्सिटी को दिया जायेगा।

२. इतनी मेहनत के बाद गवर्मेंट सीट पाकर भी प्राइवेट कॉलेज के नियमों के अन्दर हमें नहीं रहना है।

अतः हमारी यह मांग है कि, कॉलेज को PPP मोड में न दिया जाए एव हम इसका पूर्णवः विरोध करते हैं।

इससे पूर्व, स्वास्थ्य सचिव ने निदेशक चिकित्सा शिक्षा को भेजे पत्र में
राजकीय मेडिकल कॉलेज, हरिद्वार हेतु 100 एम०बी०बी०एस० सीटों के पी०पी०पी० मोड़ में संचालन करने के लिए शारदा एजुकेशनल ट्रस्ट को दिए जाने की बात कही गयी है।देखें, स्वास्थ्य सचिव का पत्र

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा अनुभाग-5 देहरादूनः दिनांक 01 जनवरी, 2025 विषयः- राजकीय मेडिकल कॉलेज, हरिद्वार हेतु 100 एम०बी०बी०एस० सीटों के पी०पी०पी० मोड़ में संचालन किये जाने विषयक ।

महोदय,

उपर्युक्त विषयक अपने पत्र संख्या-6149/ME/03(Medical).GMC/ Haridwar (PPP)/2024 दिनांक 31 दिसम्बर, 2024 का सन्दर्भ ग्रहण करने का कष्ट करें, जिसके माध्यम से राजकीय मेडिकल कॉलेज, हरिद्वार को पी०पी०पी० मोड़ में संचालित किये जाने हेतु आमंत्रित ई-निविदा की वित्तीय बिड में सबसे अधिक मूल्य वाली अर्ह Sharda Educational Trust को क्रयादेश निर्गत किये जाने की अनुमति / स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध किया गया है।

2-

अतः इस सम्बन्ध में मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि आप द्वारा किये गये अनुरोध के क्रम में आशय पत्र (Letter of Intent) निर्गत किये जाने हेतु उत्तराखण्ड अधिप्राप्ति नियमावली के प्राविधानानुसार तथा RFP की शर्तों के अनुसार प्रकरण में अग्रेत्तर कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित करें।

भवदीय,

 

 

 

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