टिहरी (नेटवर्क 10 संवाददाता)। कोरोना का असर कहां कहां नहीं हुआ है। इससे कुछ भी अछूता नहीं रहा है।परंपराएं भी इससे अचूती नहीं रहीं। बड़े बड़े योजन रद हुए हैं। जौनपुर के प्रसिद्ध मौण मेले पर भी इसका प्रभाव पड़ा है। लिहाजा इस बार मौण मेले का आयोजन नहीं किया जाएगा।
आपको बता दें कि उत्तराखंड का जौनपुर इलाका थौल मेलों के लिए प्रसिद्ध है। जौनपुर ऐसा इलाका है जहां हर माह कोई न कोई लोक त्योहार मनाया जाता है। मेलों में यहां उमड़ने वाली भीड़ से इस बात का पता चलता है कि यहां के लोगों में लोग संस्कृति के प्रति कितना लगाव है। यहां राजशाही के जमाने से मौण मेला लगता है जो इस बार नहीं लगेगा। इस वजह से यहां के लोग काफी निराश हैं।
आपको बता दें कि जौनपुर प्रखंड में वर्षभर में करीब डेढ़ दर्जन मेलों का आयोजन होता है। इनमें सबसे ज्यादा प्रसिद्ध यहां का मौण मेला है। ये मेला अनोखे अंदाज में मनाया जाता है। मौण मेला हर साल जून माह के अंतिम सप्ताह में 29 और 30 जून को लगता था। मेले में क्षेत्र के लोग ढोल-दमाऊ की थाप पर नाच-गाने के साथ अगलाड़ नदी पहुंचते हैं, जहां ग्रामीणों में मछली पकड़ने की प्रतिस्पर्धा होती है। इसके बाद पूरे गांव में रात्रि में मंडाण के साथ कार्यक्रम आयोजित होता है।
मौण मेले को देखने के लिए स्थानीय ग्रामीणों के अलावा बाहर से भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। खासकर ग्रामीणों द्वारा नदी में मछली पकड़ने की प्रतिस्पर्धा आकर्षण का केंद्र रहती है। लेकिन, इस बार कोरोना संक्रमण व सरकार की गाइडलाइन के चलते मेला आयोजित नहीं होगा।