देहरादून (नेटवर्क 10 संवाददाता)। महानिदेशक, सूचना एवं लोकसम्पर्क विभाग डाॅ मेहरबान सिंह बिष्ट ने कहा है कि कल उनके संज्ञान में आया कि देहरादून में मीडिया का एक वर्ग, उत्तराखंड के प्रवासियों को विशेष ट्रेनों के माध्यम से सूरत से उत्तराखण्ड लाए जाने के मुद्दे पर राज्य सरकार को बदनाम करने के लिए एक झूठा, स्वार्थ से प्रेरित और आधारहीन अभियान चला रहा है। उन झूठी, आधारहीन और जानबुझकर फैलायी गई रिपोर्टों का, बाद में उत्तराखण्ड सरकार के प्रति विद्वेषपूर्ण रवैया रखने वाले कुछ लोगों द्वारा इस्तेमाल किया गया।
इन तत्वों ने इन रिपोर्टों का उपयोग करते हुए सोशल मीडिया पर एक कुटिल अभियान शुरू किया और आरोप लगाया गया कि सूरत से विशेष रेलगाड़ियों को चलाने के लिए भारतीय रेलवे को भुगतान उत्तराखंड सरकार द्वारा नहीं किया गया था। राज्य सरकार के सूचना और संवाद के प्रभारी के रूप में, उन्होंने सभी जानकारी को सार्वजनिक डोमेन में रखना आवश्यक समझा और रेलवे बोर्ड और उत्तराखंड सरकार के बीच पत्र व्यवहार की प्रतियों के साथ ही राज्य सरकार द्वारा रेलवे को किए गए भुगतान के विवरण को साझा किया।
इस जानकारी को बाद में विभिन्न मीडिया प्लेटफार्मों द्वारा उठाया गया था। इससे विवाद को खत्म करने मे सफलता मिली।
डॉ बिष्ट ने कहा कि महानिदेशक सूचना के रूप में, वे भविष्य में भी सही सूचनाओं को साझा करते रहेंगे। हर जानकारी उपलब्ध करवाई जाएगी ताकि कतिपय तत्व, मीडिया और सोशल मीडिया में झूठी और गलत खबर का अभियान न चला सकें। मीडिया हमारे लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है और कर्तव्य के रूप में हर सम्भव प्रयास करना चाहिए कि सूचनाओं, घटनाओं और समाचारों की जिम्मेदार और निष्पक्ष रिपोर्टिंग हो।
महानिदेशक डॉ मेहरबान सिंह बिष्ट ने सभी समाचार प्लेटफार्मों की सफलता की कामना करते हुए उन्हें उत्तराखंड के सूचना विभाग के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि इन कठिन समय में सकारात्मकता फैलाने की दिशा में काम करने की आवश्यकता है।