नैनीताल : शहर में स्थित नाले नैनीताल शहर व झील की धमनियों के समान हैं। शहर में स्थित नाले आपदा के दौरान आपदा से बचाव, पेयजल आपूर्ति तथा पर्यटकों के आकर्षण केन्द्र के साथ-साथ शहर के सामाजिक ताने-बाने से नालों का गहरा जुड़ाव है। इसके साथ ही आपदा से पूर्व यदि नालों की सफाई न हो और पानी का बहाव अवरूद्ध हो तो घरों तथा शहर को खतरा हो सकता है। इस प्रकार नाले शहर की भू-गर्भीय स्थिरता से भी जुड़े हुए हैं।
सरोवर नगरी देश-विदेश के सैलानियों का आकर्षण का केन्द्र है। यहाॅ बड़ी तादाद में सैलानी हर वर्ष घूमने आते है। नैनी झील सरोवर नगरी प्राकृतिक सौन्दर्य में चार चांद लगाने का काम करती है। नैनी झील की खूबसूरती अनायास ही पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। जिलाधिकारी सविन बंसल का मानना है कि नैनी झील के अस्तित्व को बनाये रखने के लिए झील में मिलने वाले नालों का रख-रखाव एवं संरक्षण करना भी नितान्त आवश्यक है।
जिलाधिकारी सविन बंसल नैनी झील के संरक्षण, संवर्धन के साथ ही झील में पानी की आपूर्ति करने वाले ब्रिटिशकालीन नालों के रख-रखाव एवं संरक्षण के लिए बेहद संजीदगी से कार्य कर रहे हैं। श्री बंसल ने सिंचाई विभाग द्वारा झील संरक्षण एवं संवर्धन कार्य योजना के अन्तर्गत 497.46 लाख रूपये की लागत से नाला संख्या एक से 21 तक किये जा रहे जीर्णोद्धार कार्य तथा 205.57 लाख रूपये की लागत से नाला संख्या 23 से 60 तक किया जा रहा है। बंसल ने जीर्णोद्धार कार्यों की गुणवत्ता, डिजाइन, स्पेशीफिकेशन, एवं अनुबन्ध की टम्र्स एवं कण्डीशन के सापेक्ष कार्यो की जाॅच हेतु उप जिलाधिकारी विनोद कुमार की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन करते हुए निर्देश जारी किये थे कि समिति की संस्तुति के पश्चात ही कार्यों का भुगतान किया जायेगा।
कतिपय माध्यमों से प्राप्त नालों के मरम्मत कार्यों की गुणवत्ता में लापरवाही की शिकायतों का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी सविन बंसल द्वारा उपजिलाधिकारी नैनीताल, सचिव जिला विकास प्राधिकरण एवं अधिशासी अभियंता आरडब्ल्यूडी की समिति का गठन किया गया। उप जिलाधिकारी विनोद कुमार के नैतृत्व में समिति द्वारा कार्यों का समय-समय पर औचक निरीक्षण किया गया। उप जिलाधिकारी ने बताया कि जिलाधिकारी से प्राप्त निर्देशों के क्रम में समिति द्वारा गुणवत्ता मानकों पर विशेष ध्यान दिया गया। निर्माण कार्य की गुणवत्ता मापने के लिए जगह-जगह से निर्माण कार्य को तोड़ कर गुणवत्ता मानकों की जाॅच की गयी। जाॅच के दौरान पायी गयी कमियों को दूर करने हेतु अधिशासी अभियंता सिंचाई को निर्देशित किया गया। सिंचाई विभाग द्वारा उन कमियों को दूर कराने के बाद समिति द्वारा पुनः निरीक्षण के पश्चात 30 प्रतिशत कार्य को संतोषजनक पाया गया तथा शेष कार्य को समयबद्धता से गुणवत्तायुक्त पूर्ण करने के लिए निर्देशित किया गया।
पुनः निरीक्षण के दौरान कार्य तकनीकि मानकों पर संतोषजनक पाया गया तथा निरीक्षणकर्ता तकनीकि अधिकारियों द्वारा कार्य गुणवत्ता पर संतोष व्यक्त किया गया कार्य कुशलता एवं सामग्री गुणवत्ता में सुधार किये जाने सम्बन्धी निर्देशों का अनुपालन कराया गया। निरीक्षण के उपरान्त समिति द्वारा ठेकेदार को 30 प्रतिशत कार्य के भुगतान की संस्तुति की गयी।