ठेका खुलते ही नोटबंदी के दौरान लगी लाइनों की याद आ गई….

देहरादून (नेटवर्क 10 संवाददाता)। तस्वीर देखकर आपको भी नोटबंदी की याद आ गई होगी। ये तस्वीर शारब की दुकान के बाहर लगी है। ये तमाम लोग सुरा प्रेमी हैं और चटखती धूप इनके मंसूबों को कम नहीं कर पा रही है। इन्हें इंतजार करने में कोई दिक्कत नहीं, क्योंकि ये पहले ही अपने दूसरे जरूरी काम हाशिए पर रखकर आए हैं। इनको दूसरे काम की कोई चिंता नहीं है। वो काम तो कल भी किया जा सकता है, लेकिन शराब पता नहीं कल मिले या न मिले। वैसे भी उत्तराखंड सरकार अपने आदेश पल पल बदल रही है। तभी तो कोई एक साथ 8 पव्वे खरीद रहा है तो कोई तीन तीन बोतलें। ये तस्वीर देहरादून के आराघर धर्मपुर ठेके के बाहर  लगी भीड़ की है। कमोबेश हर ठेके के बाहर की तस्वीर ऐसी ही है।

जिसका मुझे था इंतजार वो घड़ी आ गई….

मदिरा प्रेमियों को जिस दिन का इंतजार था वो आ गया। दुकान आखिर खुल गई। महीनेभर से ब्लैक की दोगुनी से भी ज्यादा दाम की शराब से गला भिगा रहे थे, आज सरकारी रेट की सुर से कंठ तर किया जाएगा। दोस्तों को मटन खरीदने और बनाने की जिम्मेदारी दे आए हैं। शाम तीन बजे पार्टी तय है। तब तक ठेके पर बारी भी आ जाएगी। जो मिल जाएगा, ले जाएंगे…रम, ह्विस्की, वोडका जो भी।

इतनी ईमानदारी कहीं नहीं देखी होगी….

शराब की दुकान पर जो ईमानदारी और निष्ठा ग्राहक दिखाता है वो आपने कहीं और नहीं देखी होगी। दुकानदार चाहे कितना ही बेमान क्यों न हो, लेकिन यहां ग्राहक बेहद निष्ठावान और ईमानदार होता है। अपनी बारी का पूरा इंतजार करता है। सामने डंडाधारी पुलिसवाले भी खड़े हैं। पता है कि अगर सोशल डिस्टेनसिंग का ध्यान नहीं रखा तो पिछवाड़ा सेंक दिया जाएगा। फिर भी लाइन में ही लगना पड़ेगा और सब्र का परिचय देना होगा।

भाइयो, पूरे लॉकडाउन के दौरान इतना सब्र देखने को कहीं नहीं मिला। कहीं भी इस तरह सोशल डिस्टेनसिंग का ख्याल और सब्र के साथ इंतजार कहीं नहीं दिखा जो ठेके के बाहर दिख रहा है। खैर, झूमो और गाओ…

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