मेघालय सरकार (Meghalaya Government) लोगों को जागरूक बनाने के लिए जलवायु परिवर्तन (Climate Change) पर एक संग्रहालय (Museum) का निर्माण करने के अलावा चमड़ा (Leather) बनाने के लिए अनानास (Pineapple) के उपयोग की जांच कर रही है. राज्य के वन एवं पर्यावरण और ऊर्जा के लिए कैबिनेट मंत्री जेम्स संगमा ने यह जानकारी दी.
टीआईई हैदराबाद द्वारा मंगलवार को आयोजित टीआई स्थिरता शिखर सम्मेलन 2021 में ऑनलाइन दिए मुख्य संबोधन में संगमा ने कहा कि राज्य स्कूल पाठ्यक्रम में जलवायु परिवर्तन को एक विषय के तौर पर शामिल करने के लिए सबकी सहमति बनाने की प्रक्रिया में है. शाकाहारी चमड़ा ऐसी सामग्री है जो सामान्य चमड़े जैसा होता है लेकिन जानवर के मांस के बजाय पौधों के किसी भाग से या कृत्रिम उत्पाद से बना हुआ होता है.
एक विज्ञप्ति में संगमा के हवाले से कहा गया, मेघालय भारत के प्रमुख अनानास उत्पादक राज्यों में से एक है. यह भारत में उत्पादित कुल अनानास में आठ प्रतिशत का योगदान देता है. अनानास राज्य की सबसे महत्वपूर्ण फल फसल है. हम शाकाहारी चमड़े के लिए अनानास पर काम कर रहे हैं. इसमें कहा गया, हम विद्यार्थियों को जागरूक बनाने के लिए स्कूल पाठ्यक्रम में जलवायु परिवर्तन को विषय के रूप में शामिल करने के लिए सर्वसम्मति बनाने पर भी काम कर रहे हैं.