बजट कटौती होने से आर्थिक संकट से जूझ रहा लैंसडौन कैंट

लैंसडौन : बजट कटौती से लैंसडौन कैंट के विकास की रफ्तार पर ब्रेक लग गया है। विभाग में तैनात नियमित कर्मचारियों को जहां दिसंबर व जनवरी का वेतन तक नहीं मिल पाया है, वहीं पूर्व कर्मचारियों को पेंशन देने के लाले पड़ गए हैं। विकास योजनाएं फाइलों में ही दम तोड़ रही हैं।

दरअसल, तीन वर्षों के दौरान रक्षा मंत्रालय ने छावनी परिषदों को मिलने वाले बजट में कैंची चला दी थी। रक्षा मंत्रालय की ओर से कैंट की ओर से मांगे जा रहे 12 करोड़ रुपये के बजट के सापेक्ष महज पांच करोड़ 18 लाख रुपये ही जारी किए गए। विभाग को अपने नियमित कर्मचारियों को ही सालाना वेतन देने के लिए साढ़े चार करोड़ से अधिक के बजट की जरूरत है। यदि पेंशनर की पेंशन भी जोड़ें तो विभाग को सिर्फ वेतन व पेंशन के लिए सात करोड़ 38 लाख रुपये का बजट चाहिए। बिजली, पानी, सड़क व स्वास्थ्य के लिए भी बजट की आवश्यकता है। जब विभाग के पास वेतन व पेंशन के ही लाले पड़ गए हों, तो ऐसे में साफ है कि बजट में बड़ी कटौती से लैंसडौन कैंट की अर्थव्यवस्था बुरी तरह लड़खड़ा गई है।

आलम यह है कि विभाग के पास अपने नियमित कर्मचारियों को दो माह से वेतन तक देने के लिए पैसे नहीं है। पूर्व कर्मचारियों के एरियर व पेंशन भी रुकी हुई है। गत तीन वर्षों के दौरान नगर में एक भी बड़ी योजना विकास के नाम पर शुरू नहीं हो पाई है। टूटी हुई सड़क व नालियां पर्यटन नगरी की सुंदरता पर ग्रहण लगा रही हैं। विभाग विकास कार्यों के नाम पर मरम्मत कार्यों तक ही सीमित रह गया है। स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार, पार्किंग, शिक्षा, आवास-विकास लैंसडौन कैंट की बड़ी समस्याओं में शुमार है। रक्षा मंत्रालय ने बजट कटौती के बाद कैंटों को स्वयं के आय संसाधनों को विकसित करने पर जोर दिया है। हालांकि आबादी के लिहाज से सी श्रेणी के लैंसडौन कैंट में विकास का पहिया तेजी से बढ़ते पलायन के चलते उलटा ही घूम रहा है।

मद,    धनराशि

वेतन,चार करोड़ 62 लाख

पेंशन,दो करोड़ 76 लाख

आउटसोर्स,एक करोड़ रुपये

बिजली,7 लाख 16 हजार

पेयजल,11 लाख

विकास कार्य,एक करोड़ चार लाख

सफाई,छह लाख पचास हजार

अस्पताल,13 लाख रुपये

वनसंपदा ,27 हजार

पब्लिक वर्क,6 लाख दो हजार

अन्य,8 लाख रुपये

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लैंसडौन कैंट के आय के साधन

रक्षा मंत्रालय से प्राप्त बजट,पांच करोड़ 18 लाख

स्थानीय संसाधन,एक करोड़ पचास लाख

मिलेट्री कंजरवेंसी,एक करोड़ पांच लाख

सर्विस चार्ज,एक करोड़ पांच लाख

स्कूल ग्रांट,37 लाख 68 हजार

अन्य,10 लाख

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बजट कटौती की समस्या से सिर्फ लैंसडौन ही नहीं, बल्कि देश के सभी 61 कैंट जूझ रहे हैं। हम इसे लेकर उच्च अधिकारियों के संपर्क में हैं। रक्षा महानिदेशक ने जल्द ही हमें और बजट जारी करने के संकेत दिए हैं। फिलहाल बजट न होने के कारण कर्मचारियों का वेतन रुका हुआ है।

शिल्पा ग्वाल, मुख्य अधिशासी अधिकारी, लैंसडौन कैंट

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