देहरादून। नाराज़ चल रहे श्रम मंत्री डॉ हरक सिंह रावत का बयान सामने आया है। श्रम बोर्ड से सचिव दमयंती रावत को हटाने पर हरक सिंह रावत ने कहा कि बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल को सचिव को हटाने का अधिकार है। गुरुवार को ही श्रम बोर्ड से बोर्ड सचिव पद से दमयंती रावत को हटाया गया था।
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने श्रम मंत्री डॉ हरक सिंह रावत को और एक झटका दिया है। उत्तराखंड भवन एवं अन्य संन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पद से उन्हें हटाने के बाद अब बोर्ड के अपर कार्याधिकारी पद पर तैनात उनकी करीबी अधिकारी दमयंती रावत को भी चलता कर दिया गया है। दमयंती रावत को उनके मूल विभाग शिक्षा में वापस भेजा गया है। शिक्षा विभाग में पहले से ही उनके खिलाफ जांच भी लंबित बताई जा रही है।
सरकार और श्रम मंत्री डॉ हरक सिंह रावत को बोर्ड के अध्यक्ष पद से कुछ दिनों पहले हटाए जाने को लेकर विवाद अभी शांत नहीं हुआ। इस मामले में नया मोड़ आ गया है। सरकार ने सख्त रुख जारी रखते हुए बोर्ड के अपर कार्याधिकारी (कामचलाऊ सचिव) के पद से दमयंती रावत को तत्काल प्रभाव से हटा दिया। इस संबंध में बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल की ओर से आदेश जारी किए गए हैं। आदेश में कहा गया कि बोर्ड का पुनर्गठन होने के फलस्वरूप दमयंती रावत को पदमुक्त किया गया है।
श्रम मंत्री की वजह से ही उन्हें श्रम महकमे में बोर्ड में 27 दिसंबर, 2017 को प्रतिनियुक्ति दी गई थी। बोर्ड का तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के बाद इसका पुनर्गठन किया गया है। पुनर्गठन के बाद पहले अध्यक्ष और फिर अपर कार्याधिकारी को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। इस मामले के और तूल पकड़ने का अंदेशा भी गहरा गया है। आदेश में दमयंती रावत को मूल शिक्षा विभाग में पहले की स्थिति के अनुसार योगदान देने को कहा गया है।
दमयंती रावत उक्त प्रतिनियुक्ति से पहले शिक्षा विभाग में खंड शिक्षा अधिकारी के पर तैनात थीं। उन्हें इसी पद पर पिथौरागढ़ स्थानांतरित किया गया था। तैनाती स्थल पर लंबे समय तक कार्यभार ग्रहण नहीं करने की वजह से उनके खिलाफ महकमे में जांच लंबित है। संपर्क करने पर शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि दमयंती रावत के कार्यभार ग्रहण करने के बाद ही उनकी तैनाती के संबंध में निर्णय लिया जाएगा।