देहरादून (नेटवर्क 10 संवाददाता)। इन दिनों शासन स्तर पर कुंभ की तैयारियां जोर शोेर से चल रही हैं। लगातार मंथन हो रहा है कि किस तरह के नियम कायदों में कुंभ का आयोजन किया जाना है। इसी कड़ी में कुंभ का पहला शाही स्नान बेहद कड़े नियमों के तहत होगा। आपको बता दें कि 11 मार्च को महाशिवरात्रि है और इस दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार में स्नान करने पहुंचेंगे। इसी दिन पहला शाही स्नान भी पड़ रहा है। हालांकि इस शाही स्नान को अधिकारिक कुंभ अवधि में शामिल नहीं किया जा रहा है। बताया गया है कि इस दिन के लिए प्रदेश सरकार अलग से एसओपी जारी करेगी।
हरिद्वार कुंभ में अब तक बिना कुंभ नोटिफिकेशन के ही मकर संक्रांति और बसंत पंचमी के रूप में दो स्नान हो चुके हैं। इन दोनों स्नान में ज्याद भीड़ नहीं उमड़ी। इस बीच कुंभ नोटिफिकेशन अब मार्च अंत तक ही होने की उम्मीद है। इसमें एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक को कुंभ अवधि माना हा रहा है। जबकि इससे पहले 11 मार्च को महाशिवरात्रि का पर्व पड़ रहा है। इस दिन पहला शाही स्नान भी है, जिसमें अखाड़े परम्परागत तरीके से स्नान करते हैं।
इस दिन अब तक के दोनों स्नान के मुकाबले ज्यादा भीड़ जुटने की संभावना है। इसलिए सरकार महाशिवरात्रि पर्व के लिए अलग से एसओपी तैयार कर रही है। इसमें कोविड प्रोटोकॉल को सख्ती से लागू किया जा सकता है। सचिव शहरी विकास शैलेश बगौली के मुताबिक अब तक के दोनों स्नान के लिए नोटिफिकेशन जिला प्रशासन ने ही निकाले थे, इस बार शासन स्तर से इसे जारी किया जाएगा। इसमें जांच और सोशल डिस्टेंस पर जोर दिया जाएगा।
कुंभ के लिए केंद्र सरकार ने अर्द्धसैनिक बलों की 50 कंपनियां भेज दी हैं। इसके अलावा यूपी ने भी 20 कंपनी पीएसी उपलब्ध कराई है। डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि कुंभ के दौरान कुल करीब 20 हजार फोर्स की जरूरत है। मार्च में पूरी फोर्स मोर्चा संभाल लेगी। कोविड के खतरों को कम करने के लिए इस बार कुंभ में कानून व्यवस्था और भीड़ नियंत्रण के लिए तकनीकी का अधिक इस्तेमाल किया जाएगा।