इस बार पूरा पहाड़ ही जला डालेगा क्या वन विभाग?

चमोली (नेटवर्क 10 संवाददाता)। उत्तराखंड में जंगल धधकने लगे हैं। आग फैलने लगी है। इस बार तो सर्दियों के दिनों में ही जंगलों में आग लग चुकी थी। अब तो गर्मी बढ़ रही है और जंगल खाक होने लगे हैं। कई हेक्टेयर जंगल राख में तब्दील हो चुके हैं।

हर बार वन विभाग का अमला दावा करता है कि इस बार दावानल रोकने के लिए पूरे प्रबंध किए गए हैं। आखिर ऐसे दावे बार बार क्यों किए जाते हैं जब जंगलों को बचाया ही नहीं जा सकता। क्या इस बार पूरा पहाड़ ही फूंक डालेंगे ये दावा करने वाले?

जंगलों में लगातार आग फैल रही है जबकि अभी फायर सीजन शुरू ही हुआ है। गोपेश्वर के कोठियालसैंण के जंगलों में मंगलवार को चीड़ की सूखी पत्तियों पर आग भड़क गई। देखते ही देखते आग नर्सिंग कॉलेज और केंद्रीय विद्यालय भवन के समीप पहुंच गई। नर्सिंग कॉलेज प्रशासन ने अग्निशमन दल को सूचना दी। लगभग एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया, जिससे कॉलेज भवन आग की चपेट में आने से बच गया। वहीं, बदरीनाथ हाईवे के समीप के जंगलों में भी कई दिनों से आग भड़की हुई है।

मंगलवार दोपहर तेज आंधी तूफान से आग ऊंचाई वाले जंगलों तक पहुंच गई, जिससे कई हेक्टेयर वन संपदा जलकर राख हो गई। बदरीनाथ वन प्रभाग के डीएफओ आशुतोष सिंह का कहना है कि चीड़ के जंगलों में असामाजिक तत्वों की ओर से सूखी पत्तियों पर आग लगाई जा रही है। आग बुझाने के सभी प्रयास किए जा रहे हैं। बीते दिनों हुई बारिश के कारण जंगलों की आग बुझ गई थी, लेकिन अब फिर से जंगलों में आग भड़कने लगी है।

चमोली जिले में इस वर्ष अभी तक आग लगने की 72 घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें 69.50 हेक्टेयर जंगल आग की भेंट चढ़ चुका है। सबसे अधिक आग बदरीनाथ वन प्रभाग के अंतर्गत के जंगलों में लगी है। यहां अभी तक 21.30 हेक्टेयर जंगल जल चुका है, जबकि केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के अंतर्गत 19.45 हेक्टेयर, अलकनंदा भूमि संरक्षण वन प्रभाग में 7.50 हे. और नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क जोशीमठ में 4.25 हेक्टेयर जंगल जल चुके हैं।

 

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