चमोली (नेटवर्क 10 संवाददाता)। बारिश रुक नहीं रही है और ऐसे में उत्तराखंड के पहाड़ों में दुश्वारियां कम होने का नाम नहीं ले रही है। पहाड़ की कई सड़कें बंद हैं। जगह जगह भूस्खलन हो रहा है। कुछ मार्ग खुल रहे हैं तो फिर भूस्खलन होने से बंद हो जा रहे हैं। जोशीमठ-मलारी हाईवे भी भूस्खलन के चलते सात दिन से बंद पड़ा है।
हाईवे को खोलने की कोशिश बार बार की जा रही है लेकिन बारिश बंद न होने से लगातार भूस्खलन हो रहा है और रेस्क्यू का काम नहीं हो पा रहा है। मलारी-नीति घाटी में 25 ट्रैकर फंसे हुए हैं। साथ ही करीब 400 से ज्यादा यात्री हाईवे खुलने का इंतजार कर रहे हैं। पहाड़ी से लगातार पत्थर गिर रहे हैं इस वजह से पैदल आवाजाही भी ठप है।
एसडीआरएफ, एनडीआरएफ सहित स्थानीय प्रशासन यहां पैदल मार्ग बनाकर फंसे नागरिकों को निकालने की रणनीति बना रहा था, लेकिन सुरक्षित पैदल मार्ग अब तक नहीं बन पाया है। धौलीगंगा को बोट से पार करने की रणनीति भी तेज बहाव के चलते सफल नहीं हो पाई । बताया गया कि नीती क्षेत्र में 15 अगस्त को आयोजित होने वाला स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में भाग लेने के लिए भारी संख्या में नीती घाटी के मूल निवासी अपने ग्रीष्मकालीन घरों को आए थे। यहां स्वतंत्रता के उत्सव में शामिल होने के लिए प्रवासियों सहित देश के अन्य हिस्सों में काम करने वाले नागरिक गांव आते रहे हैं। बताया गया कि अब वे वापस नहीं जा पा रहे हैं।
आपको बता दें कि ये हाईवे सीमांत क्षेत्र में होने की वजह से सामरिक दृष्टि से संवेदनशील है। आवाजाही ठप होने से यहां के गांवों में आवश्यक सामग्री की किल्लत भी हो रही है।