टिहरी: उत्तराखंड का बिजली विभाग अपनी लापरवाही से गई दो लोगों की जान की कीमत सिर्फ एक जेई के निलंबन के बराबर मानता है। बता दें टिहरी में खेत में काम करते वक्त बिजली का तार टूटने से दादा-पोते की करंट लगने से हुई मौत के मामले में ऊर्जा निगम के अवर अभियंता को निलंबित कर दिया गया है। प्रथम दृष्टि मामले में अवर अभियंता की लापरवाही सामने आई है। जांच रिपोर्ट में पाया गया कि खेत के ऊपर से गुजर रही 11 केवी की विद्युत लाइन का तार काफी नीचे झुका हुआ था। बिजली के पोल पर लगा पिन इंसुलेटर (चीनी मिट्टी की प्लेटें) टूटी हुई थी। अवर अभियंता को थत्यूड़ से हटाकर विद्युत वितरण खंड कार्यालय नई टिहरी अटैच कर दिया गया है। कहां जो लापरवाह अधिकारी को सेवा से बर्खास्त कर इन दो मौतों के लिए कठोर धाराओं में केस दर्ज कराया जाना चाहिए था लेकिन साहब को सस्पेंड कर जिला मुख्यालय में अटैच कर दिया है। मामला ठंडा पड़ते ही बहाल भी कर दिया जाएगा।
जौनपुर ब्लॉक के अलमस गांव में चार जून को खेत में काम करते वक्त बिजली का तार टूटने से गिरीश पुंडीर (22) पुत्र कृति सिंह और उसके दादा कुंवर सिंह (68) की मौत हो गई थी। ग्रामीणों का आरोप था कि खेतों के ऊपर 11 केवी विद्युत लाइन के तार झूल रहे हैं। घटना के बाद मौके पर पहुंचे ऊर्जा निगम के अधिकारियों को प्रधान नागेंद्र लेखवार ने बताया कि शिकायत दर्ज करने के बावजूद झूलते तारों की समस्या को गंभीरता से नहीं लिया गया, जिससे यह हादसा हुआ। घटना की जांच के लिए ऊर्जा निगम ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की थी।
ऊर्जा निगम के अधीक्षण अभियंता दीवान सिंह खाती ने बताया कि खेत में बिजली का तार टूटने के मामले में प्रथम दृष्टि अवर अभियंता की लापरवाही सामने आई है। इसलिए थत्यूड़ क्षेत्र के अवर अभियंता सूरत सिंह गुसाईं को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। अधिशासी अभियंता राकेश कुमार ने बताया कि तकनीकी जांच रिपोर्ट एक दो-दिन के अंतर्गत मिल जाएगी। जिस स्थान पर घटना हुई वहां पर बिजली के तार काफी नीचे झुके हुए थे। बिजली के पोल पर लगा पिन इंसुलेटर (चीनी मिट्टी की प्लेटें) टूटी हुई थी, जिससे तार से करंट लगा। जांच कमेटी की विस्तृत रिपोर्ट मिलने के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।