इलाज न करा सका, चला गया उत्तराखंड का होनहार कलाकार जयपाल नेगी

देहरादून (नेटवर्क 10 संवाददाता)। उत्तराखंड के कला जगत से बहुत दुखभरी खबर है। एक और कलाकार चला गया। वो भी इलाज के अभाव में। इस कलाकार का नाम था जयपाल नेगी। दिल्ली के बुराड़ी में रहने वाले जयपाल नेगी ने आखिर दुनिया को अलविदा कह दिया। उत्तराखंड का कला जगत बेहद दुखी है और इस दुख को सह नहीं पा रहा है। एक नौजवान कलाकार के जाने का सदमा कोई सह नहीं पा रहा है। वे पौड़ी गढ़वाल के संगलाकोटी के रहने वाले थे। बताया गया है कि दिल्ली के राममनोहर लोहिया अस्पताल ले जाते वक्त उन्होंने दम तोड़ दिया। रविवार सुबह जयपाल नेगी का दिल्ली के निगम बोध घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। लॉकडाउन के नियमों की वजह से अंतिम संस्कार में सिर्फ परिवार के लोग ही शामिल हो पाए। कलाकार जगत से जुड़े लोग चाहकर भी उनके अंतिम दर्शन नहीं कर सके।

करीब चालीस बर्ष की उम्र में एक कलाकार का ऐसे चले जाना…। जयपाल नेगी पहले टायफाइड हुआ था। स्थानीय डॉक्टर से दवाइयां लेकर कुछ दिन इलाज चला। इलाज के लिए रकम भी नहीं थी शायद इसीलिए अच्छे अस्पताल में चेकअप तक नहीं करा सके। जयपाल की पत्नी कोमल नेगी भी लोककलाकार हैं। वो अलबम्स और मंचों पर लोकनृत्य करती हैं। जब जयपाल की तबीयत ज्यादा खराब हुई तो उनकी पत्नी उन्हें अस्पताल ले गई। कई अस्पतालों में जयपाल को भर्ती करने से मना कर दिया। बताया गया है कि जयपाल ने अपनी पत्नी कोमल से कहा कि पैसे नहीं हैं, अस्पताल वाले ज्यादा पैसे ले लेंगे, मुझे घर ले चलो, मैं ठीक हो जाऊंगा। लेकिन होनी को कुछ और मंजूर था। बताया गया है कि जयपाल नेगी को मल्टीऑर्गन फेलियर हो गया था। जयपाल के दो बच्चे हैं। एक बेटा और बेटी। दोनों छोटे हैं।

जयपाल के पिता करीब 67 साल की उम्र के हैं। जब जयपाल अंतिम यात्रा पर थे तब उनके पिता का रो रोकर बुरा हाल था। वे कह रहे थे कि जिस बेटे ने मुझे कांधा देना था उसे मैं अपने कंधों पर ले जा रहा हूं।

‘पुष्पा छोरी पौड़ीखाल की’, हाइ रे मिजाता  जैसे सैकड़ों सुपरहिट गढ़वाली कुमाऊंनी गीतों में अभिनय करने वाले जयपाल नेगी ने देश विदेश के कई मंचों पर भी उत्तराखंड के लोकसांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्रस्तुति दी। उनकी पत्नी कोमल नेगी और उनकी जोड़ी मंच और अलबम्स दोनों जगह हिट हुआ करती थी। आखिर वे कोमल को अकेला छोड़ गए।

जयपाल नेगी सबसे बाएं

मूल रूप से पौड़ी के संगलाकोटी निवासी जयपाल का परिवार वर्तमान में दिल्ली में रहता है। रंगकर्मी राजेन्द्र चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली के निगम वार्ड घाट पर उनका अंतिम संस्कार होगा। जिसमें कई लोक कलाकार भी शामिल होंगे। दो महीने पहले ही पुष्पा छोरी फेम रीना रावत का भी बीते 12 मार्च को 38 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था।

-जयपाल हम सबका प्रिय था। वो एक बेहतरीन लोकनर्तक और अभिनेता के साथ साथ बेहतरीन लोकगायक के तौर पर भी खुद को स्थापित कर चुका था। उसका इस उम्र में चले जाना अविश्वसनीय है। निशब्द हूं। शिवदत्त पंत, लोककलाकार

-जयपाल नेगी ने हमारे साथ कई मंचों पर कार्यक्रम किए हैं। हमारे लिए वो एक बच्चे जैसा था। ये उम्र ही क्या होती है जाने की। लेकिन क्या करें, कलाकारों के आगे यही विडंबना है। इलाज तक न करा सका। पत्नी भी लोककलाकार है। बेचारी पूरा जीवन कैसे जिएगी और बच्चों को कैसे पालेगी। ये बड़ा सवाल है। सरकार को कुछ मदद करनी चाहिए। हीरा सिंह राणा, प्रसिद्ध लोककलाकार

-जयपाल नेगी से सभी लोककलाकारों का बेहद नजदीकी रिश्ता रहा। एक कलाकार से बढ़कर आत्मीय रिश्ते रखने वाला इंसान था जयपाल नेगी। उनके निधन की खबर मिली तो यकीन करना आसान नहीं था। इलाज न करा पाने की मजबूरी का तब पता चला जब कोई कुछ नहीं कर सकता था। वरना हम सब कलाकार मिलकर उसे नहीं जाने देते। इसका हमेशा मलाल रहेगा। अजय ढौंडियाल, लोकगायक

-जयपाल अब हमारे बीच में नहीं है, यकीन नहीं होता। लॉकडाउन के चलते पता भी नहीं चल पाया कि वो बीमार था। जयपाल और कोमल अपने व्यवहार के चलते पूरे कला जगत के प्रिय रहे। हम निशब्द हैं। प्रीतम भरतवाण, जागर सम्राट

-जयपाल नेगी को तब से जानता हूं जब उसने कला में प्रवेश किया था। मेरे निर्देशन में जयपाल ने दर्जनों अलबम्स में अभिनय किया और लोकनृत्य किया। जयपाल का इस छोटी सी उम्र में चले जाना बेहद दुखद है। जब भी हम लोग शूटिंग या कार्यक्रम में जाते थे तो जयपाल सबका मनोरंजन करता था। वो सबके बीच लोकप्रिय था। सबका अपना था। भगवान उसकी आत्मा को शांति दे। अनिल बिष्ठ, लोककलाकार

जयपाल नेगी और उनकी पत्नी कोमल नेगी की जोड़ी लोककला जगत में सबसे मशहूर रही है। इस वीडियो गीत में दोनों का अभिनय…

 

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