नई दिल्ली: हमास के प्रमुख इस्माइल हानिया की ईरान की राजधानी तेहरान में बुधवार को एक हवाई हमले में मौत हो गई थी। हानिया की मौत के बाद अब इस बात पर चर्चा शुरू हो गई है कि उनकी जगह कौन लेगा। हमास का इतिहास अपने नेताओं का चुनाव सुचारू रूप से और जल्द करने का रहा है। सात अक्तूबर के हमले के बाद इजरायली कार्रवाई में हमास के कई नेता मारे गए हैं। इसके अलावा जिस पैमाने पर गाजा में तबाही फैली है, उससे हमास दवाब में है.ऐसे में हमास के लिए अपने नए प्रमुख का चुनाव काफी चुनौती भरा हो सकता है। न केवल नेता के चुनाव बल्कि नए नेता के सामने चुनौतियां भी विकराल होंगी।
कौन संभाल सकता है हानिया की गद्दी
गाजा में हमास के प्रमुख याहया सिनवार का नाम हानिया के उत्तराधिकारी के रूप में सबसे आगे है.इजरायल सिनवार को सात अक्तूबर के हमले का मास्टरमाइंड बताता है। सिनवार के अलावा हमास के नए प्रमुख के लिए खालिद मेशाल और जहीर जबरीन के नाम की भी चर्चा है।उदारवादी माने जाने वाले मश-अल 2017 तक हमास के प्रमुख थे.वहीं जबरीन हमास का वित्तिय प्रबंधन का काम देखते हैं। वो इसराइल में बंद फलस्तीनियों के मामले भी देखते हैं। उनके ईरान और हमास के अन्य समर्थकों के साथ अच्छे संबंध बताए जाते हैं। वहीं मश-अल के संबंध ईरान से ठीक नहीं बताए जाते हैं। ये तीनों नेता इस्माइल हानिया के डिप्टी के रूप में काम कर रहे थे. इनके अलावा सिनवार के नायब खलील अल हया के नाम की भी चर्चा हानिया के उत्तराधिकारी के रूप में है. खलील को हानिया का काफी करीबी माना जाता है।
याहया सिनवार (बच्चे के साथ.)
हानिया हमाश की राजनीतिक शाखा के प्रमुख थे। उनके नायब सालेह अल अरौरी लेबनान की राजधानी बेरूत में इस साल जनवरी में हुए एक इजरायली हमले में मारे गए थे। अगर वो जिंदा होते तो हानिया की जगह लेते. उनका पद भी अभी खाली पड़ा है।
फैसले लेने वाली हमास की सबसे बड़ी संस्था कौन है
हमास में शूरा निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था है।उम्मीद की जा रही है कि कतर में हानिया को दफनाए जाने के बाद शूरा की बैठक बुलाई जाएगी। इसी में हमास के नए प्रमुख के नाम पर मुहर लगाई जाएगी।यह संस्था अपने सदस्यों के नाम को काफी गुप्त रखती है। लेकिन माना जाता है कि गाजा, वेस्ट बैंक और प्रवासी फलस्तीनियों को इसकी सदस्यता दी जाती है। माना जाता है कि शूरा में 60 सदस्य हैं।ऐसी चर्चा है कि शूरा की बैठक से पहले किसी एक नाम पर आम सहमति बनाई जा सकती है।इसी नाम पर शूरा की बैठक में औपचारिक चयन किया जाएगा।
हमास के नए नेता के सामने चुनौतियां भी काफी होंगी।उसे हमास की लड़ाई के रास्तों पर फैसला लेना पड़ सकता है। उसे यह देखना होगा कि इजरायल के खिलाफ गुरिल्ला लड़ाई करनी है या किसी राजनीतिक विकल्प की खोज करनी होगी।इसके साथ ही उसे हमास के क्षेत्रिय सहयोगियों के समर्थन को बनाए रखने की दिशा में भी काम करना होगा।
हमास का दूसरे देशों से संबंध
मश-अल के पास लंबा राजनीतिक और कूटनीतिक अनुभव है, लेकिन 2011 में अरब स्प्रिंग को दिए समर्थन की वजह से ईरान, सीरिया और हिजबुल्लाह से उनके संबंध ठीक नहीं बताए जाते हैं. खबर तो यह भी थी कि जब वो 2021 में लेबनान गए थे तो हिजबुल्ला के नेताओं ने उनसे मिलने से इनकार कर दिया था।उनके तुर्की और कतर के साथ अच्छे संबंध हैं। फलस्तीनी प्राधिकरण के नेता महमूद अब्बास ने हानिया की हत्या पर संवेदना व्यक्त करने के लिए मेशाल को ही फोन किया था।