भारत-चीन सीमा विवाद का समाधान सहमति से निकाला जाना चाहिए: रक्षा मंत्री

भारत और चीन के बीच लद्दाख (Ladakh) में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LaC) पर चल रहे गतिरोध पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह  (Rajnath singh)ने लोकसभा में कहा कि दोनों देशों के बीच सीमा विवाद एक जटिल मुद्दा है. उन्होंने कहा कि सीमा विवाद को सुलझाने के लिए धैर्य की आवश्यकता है.

मानसून सत्र के दूसरे दिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत चीन के बीच चल रहे गतिरोध पर सदन को संबोधित किया. रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत व चीन, दोनों ने औपचारिक तौर पर यह माना है कि सीमा का प्रश्न एक जटिल मुद्दा है जिसका समाधान के लिए आपसी सहमति और शांतिपूर्ण बातचीत के द्वारा निकाला जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि चीन लद्दाख में भारत की लगभग 38,000 वर्ग किमी. भूमि पर अनधिकृत कब्जा किए हुए है. इसके अलावा, 1963 में एक तथाकथित सीमा समझौता के तहत पाकिस्तान ने PoK की 5180 वर्ग किमी. भारतीय जमीन अवैध रूप से चीन को सौंप दी है.

रक्षा मंत्री ने कहा कि वे ‘सदन को आश्वस्त करना चाहते हैं कि हमारी सेनाएं सीमा की चुनौतियों का सफलता से सामना करेंगी, और इसके लिए हमें उनपर गर्व है. अभी जो स्थिति बनी हुई है उसमें संवेदनशील मुद्दे शामिल हैं. इसलिए मैं इस बारे में ज्यादा ब्यौरा का खुलासा नहीं करना चाहूंगा.’

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