ज्योलीकोट (नैनीताल)। ग्रामसभा गांजा स्थित वन अनुसंधान केंद्र में 200 एकड़ में स्थापित प्रदेश की सबसे बड़ी तरु वाटिका का शुभारंभ प्रसिद्ध पर्यावरणविद प्रो. अजय रावत ने किया। वाटिका में शिवालिक पर्वत श्रृंखला के 200 से अधिक प्रजातियों के पौधे और लाइकेन आदि को संरक्षित किया गया है। साथ ही उनके औषधीय गुणों, महत्व, विशेषताओं के बारे में जानकारी दी गई है, जो पर्यावरण के संरक्षण और उसमें रुचि रखने वालों के लिए मील का पत्थर साबित होगा। उल्लेखनीय है कि यह वाटिका मुख्य वन संरक्षक अनुसंधान मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित संजीव चतुर्वेदी के निर्देशन में तैयार किया गया है।
प्रो. रावत ने कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति एक अरण्य संस्कृति है और ये वाटिका एक अद्भुत पहल है। पर्यावरण को लगातार हो रहे नुकसान से बचाने और बहुमूल्य जैव विविधता को बचाने के लिए तरु वाटिका को मील का पत्थर बताया। इस दौरान मुख्य वन संरक्षक चतुर्वेदी, अनुसंधान केंद्र प्रभारी नितिन पंत, जूनियर रिसर्च फेलो जेपी जोशी, तनुजा पांडे, कुंदन सिंह, पूरन राम, कमला जोशी, रेखा जोशी आदि मौजूद रहे।