मुंबई में सरकारी नौकरी के नाम पर करोड़ों की ठगी के मास्टरमाइंड हुए

मुंबई: मुंबई क्राइम ब्रांच की प्रॉपर्टी सेल ने तीन ऐसे आरोपियों को गिरफ्तार किया है जो लोगों को सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर लाखों रुपए ऐंठते थे. इन गिरफ्तार आरोपियों में से एक आरोपी बीएमसी से रिटायर कर्मचारी है. दूसरा आरोपी बीएमसी में चौथी श्रेणी में अब भी कार्यरत है तो तीसरी आरोपी मुंबई पुलिस विभाग में महिला कॉन्स्टेबल की पद पर काम कर चुकी है.

मुंबई पुलिस को मिली जानकारी के बाद प्रोपेर्टी सेल ने इस मामले की जांच शुरू की और लगभग दो महीने की जांच के बाद इन तीनों आरोपियों पर शिकंजा कसा. गिरफ्तार आरोपियों के नाम नितिन धोत्रे, 39 वर्ष (फिलहाल बीएमसी में कार्यरत है), प्रकाश सदाफुले, 62 वर्ष (बीएमसी से रिटायर्ड) और प्रीति टाकर, 67 वर्ष (मुंबई पुलिस विभाग में हवलदार के पद पर काम कर चुकी है).

प्रोपर्टी सेल के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक केदारी पवार ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में बताया ये लोग 2017 से अब तक 450 से भी ज्यादा लोगों को सरकारी नौकरी के नाम पर ठग चुके हैं और प्रत्येक व्यक्ति से 2 लाख से 4 लाख रुपये तक की मांग करते थे.

बता दें कि प्रीति टाकर ने 1993 में पुलिस विभाग से इस्तीफा दिया था उससे पहले वो मुंबई के एयरपोर्ट, डोंगरी, यलोगेट पुलिस स्टेशन और क्राइम ब्रांच में काम कर चुकी हैं. ऐसा बताया जा रहा है कि अपना इस्तीफा देना के बाद से ही प्रीति ने लोगों को ठगने का काम शुरू कर दिया और इससे पहले उसपर 2009 में मुंबई के बोरीवली पुलिस स्टेशन में लोगों को चीटिंग करने का मामला भी दर्ज है. एक अधिकारी ने बताया कि इस रैकेट में और भी कई आरोपी हैं जिनकी तलाश पुलिस को है.

 

कैसे करते थे ठगी?

ये आरोपी बड़े ही संगठित तरीके से ये रैकेट चलाते थे. ये लोग चार हिस्सों में लोगों से पैसे वसूलते थे. इस गैंग के कुछ सदस्य नौकरी की तलाश कर रहे जरूरतमंदों को ढूंढते थे फिर उन्हें किसी सरकारी अस्पताल में इंटरव्यू के लिए बुलाते थे.

इसमे से जो बीएमसी का कर्मचारी है वो सरकारी अस्पताल का एक ऐसा कोना ढूंढता था जहां कोई आता जाता नहीं और वहां वो बाकायदा टेबल और कुर्सी लगा देता था. इसके बाद एक एक करके नौकरी के लिए आये लोगों को अस्पताल के अंदर इंटरव्यू के लिए भेजा जाता था. चूंकि इंटरव्यू बड़े सरकारी अस्पताल के कंपाउंड में होता था तो लोगों को इनपर किसी तरह का शक भी नही होता था. इसके बाद वे लोग मेडिकल से लेकर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के नाम पर थोड़े थोड़े पैसे ऐंठना शुरू कर देते थे.

पुलिस के सामने अब तक 12 शिकायतकर्ता आ चुके हैं. जांच में यह भी पता चला ये लोग इनकम टैक्स विभाग में नौकरी लगाने के नाम पर भी कइयों को ठगा है और लोगों को अपॉइंटमेंट लेटर भी दे दिए हैं.

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