देहरादून: गुरुवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एन.एच.एम.) स्थित सभागार में अपर सचिव स्वास्थ्य एवं अपर मिशन निदेशक एनएचएम श्रीमती अमनदीप कौर की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। बैठक में प्रसूताओं को सम्मानजनक व बेहतर अनुभव प्रदान किए जाने में मिडवाइफरी की भूमिका पर राज्य स्तरीय बैठक पर अहम विषयों पर चर्चा हुई।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश अनुसार जल्द ही नर्स प्रैक्टिशनर मिडवाइफ का प्रथम बैच का प्रशिक्षण प्रारंभ किया जाएगा। जिस हेतु राज्य मिडवाइफरी ट्रेनिंग संस्थान की स्थापना राज्य नर्सिंग कॉलेज देहरादून में की गई है तथा वर्तमान में मिड लेवल केयर यूनिट जिला चिकित्सालय कोरोनेशन देहरादून में बनाया जा रहा है। आगामी वर्षों में प्रदेश की विभिन्न चिकित्सा इकाइयों में भी मिड लेवल केयर यूनिट की स्थापना की जाएगी।
बैठक के दौरान अपर सचिव द्वारा बताया गया कि नर्स प्रैक्टिशनर इन मिडवाइफ का नया संवर्ग तैयार किया जा रहा है जो महिलाओं पर केंद्रित सहानुभूतिशील प्रजनन, मातृ एवं नवजात शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को प्रदान करने में सक्षम होंगे। मिड लेवल केयर यूनिट की स्थापना एवं नर्स प्रैक्टिशनर मिडवाइफरी प्रशिक्षण के उपरांत प्रदेश में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में गिरावट दर्ज की जा सकती है जैसा की यूनाइटेड किंगडम तथा अन्य यूरोपीय देशों में पाया गया है।
बैठक में निदेशक एनएचएम डॉ सरोज नैथानी, निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य डॉ भारती राणा, मुख्य चिकित्साधिकारी देहरादून डॉ संजय जैन, प्रमुख चिकित्सा अधिक्षक कोरोनेशन अस्पताल डॉ शिखा जंगपांगी, प्रभारी अधिकारी मातृत्व स्वास्थ्य डॉ अजय कुमार नगरकर, डॉ सुजाता सिंह, डॉ मुकेश रॉय, केंद्र सरकार के सलाहकार जपायगो संस्था से राष्ट्रीय लीड मिडवाइफरी सुश्री बिजाली सिंहा, अंतरराष्ट्रीय मिडवाइफरी एजुकेटर सुश्री रेवाता, आदि अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।