चम्पावत: उद्यान विभाग इस बार जिले में 9065 शीतकालीन फल पौधों का रोपण करेगा। विभाग को जिला योजना में 3800 और हार्टिकल्चर मिशन में 5265 पौधों का एलाटमेंट हो चुका है। पाले में कमी और बारिश होने के बाद पौधों का रोपण शुरू कर दिया जाएगा। इसके अलावा आम काश्तकारों को भी फल पौधों की बिक्री की जाएगी।
विभाग ने हार्टिकल्चर मिशन के तहत छह हेक्टेयर क्षेत्र में सेब, छह हेक्टेयर में अखरोट एवं पांच हेक्टेयर में आडू़ के पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है। इसी प्रकार जिला योजना से सेब, आड़ू, पूलम, खुबानी व अखरोट के पौधे भी लगाए जाएंगे। जिला उद्यान अधिकारी सतीश शर्मा ने बताया कि काश्तकारों को फल पौधों की सब्सिडी में बिक्री भी की जाएगी। इस पौधों का रोपण लोहाघाट, बाराकोट, पाटी, देवीधुरा, भिंगराड़ा आदि क्षेत्रों में किया जाएगा। उन्होंने बताया कि विभिन्न प्रजातियों के 9065 शीतकालीन फल पौधों का एलाटमेंट हो चुका है। बारिश होने के बाद जनवरी माह तक पौधों का रोपण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि खेतों की नमी सूखने के कारण इस समय पौधों की रोपाई करना संभव नहीं है। अधिक ऊंचाई वाले स्थानों में यह कार्यक्रम 15 फरवरी तक खींचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस समय पाला भी जबर्दस्त गिर रहा है। अत्यधिक ठंड और पाले से पौधों के खराब होने या नष्ट होने की संभावना बढ़ जाती है, लेकिन बारिश होने के बाद पाले का असर कम होगा।
सब्जी और फल पौधों को पाले से हो रहे नुकसान से जहां काश्तकारों को चपत लग रही है वहीं बारिश न होने से उनकी चिंताएं और बढ़ गई हैं। बारिश न होने से काश्तकारों के साथ-साथ उद्यान विभाग भी परेशान है। जिला उद्यान अधिकारी ने सब्जी और फल उत्पादक काश्तकारों से शाम के समय पौधों में पानी डालने की अपील की है। उन्होंने बताया कि जिन काश्तकारों ने गत वर्षाकाल में माल्टा, संतरा, गलगल, कागजी नींबू आदि के पौधे लगाए हैं वे पौधों को प्लास्टिक की पन्नी से ढक दें, इससे पाले का असर कम होगा।
विभाग ने इस बार जिले के विभिन्न स्थानों पर नौ हजार से कुछ अधिक शीतकालीन पौधों को लगाने का लक्ष्य रखा है। बारिश न होने के कारण इस समय पौधों का रोपण संभव नहीं है। जनवरी माह तक पौधों का रोपण किया जाएगा।
-सतीश शर्मा, जिला उद्यान अधिकारी, चम्पावत