मथुरा: ब्रज मंडल में वसंत पंचमी को होली का डांढ़ा गाढ़ने की परंपरा के साथ ही रंगोत्सव शुरू हो जाएगा। मंदिरों में ढप की थापों पर होली के गीतों का गायन, समाज गायन के साथ शुरू होने वाला उल्लास बरसाना में लठामार होली के साथ ही अपने शिखर पर पहुंच जाता है। 40 दिन तक चलने वाला रंगों का यह उत्सव बलदेव में हुरंगा के साथ ही संपन्न होता है। लाडली मंदिर के सेवायत नत्थू गोस्वामी ने बताया कि बरसाना के गोस्वामीजनों द्वारा समाज गायन के दौरान आपस में गुलाल लगाकर इस महोत्सव का शुभारंभ किया जाता है।
वसंत पंचमी से मथुरा के ठाकुर द्वारिकाधीश मंदिर में होली के कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे। मंदिर के मीडिया प्रभारी राकेश तिवारी ने बताया कि सब जगह केवल होली होती है और ब्रज में होरा होता है। होरा से तात्पर्य है कि होली के कार्यक्रम पूरे ब्रज मंडल में 40 दिन तक चलते हैं और वसंत पंचमी के दिन ठाकुरजी पीत वस्त्र धारण करेंगे। उनके समक्ष अबीर, गुलाल सेवित करना प्रारंभ हो जाएगा। इसी श्रृंखला में पूर्णिमा तिथि के दिन होली का डांढ़ा गढे़गा और उससे अगले दिन पड़वा तिथि के दिन से प्रतिदिन राजभोग के दर्शन सुबह 10 से 11 बजे तक ब्रज के सुप्रसिद्ध रसियाओं का गायन प्रारंभ होगा।
प्राचीन ठाकुर श्रीकेशव देव मंदिर में वसंत उत्सव धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। ठाकुरजी को पीले वस्त्र धारण कराए जाएंगे, वहीं भगवान चांदी के सिंहासन पर जगमोहन में अपनी सखियों के साथ विराजमान होंगे। मंदिर के मीडिया प्रभारी नारायण शर्मा ने बताया कि वसंत पंचमी पर मंदिर को वसंती लाइट से सजाया गया है वहीं सायंकाल भव्य फूलबंगला सजेगा एवं छप्पन भोग अर्पित किए जाएंगे। दर्शन शाम 4 से रात 10 बजे तक होंगे।
वसंत पंचमी पर वृंदावन के श्रीबांकेबिहारी मंदिर में ठाकुरजी महाराज भक्तों के साथ गुलाल की होली खेलेंगे। इस दिन मंदिरों में ठाकुरजी को गुलाल अर्पण कर, रसिया, फाग के पद, धमार, होली गीतों का गायन शुरू होगा। मंदिरों में दर्शन के लिए आने वाले भक्तों पर भी प्रसाद रूप में गुलाल डाला जाएगा। ब्रज में 40 दिन तक होली महोत्सव का आनंद लेने देश ही नहीं विदेशों से भक्त ब्रज पहुंचते हैं।