देहरादून (नेटवर्क 10 संवाददाता)। अगले कुछ ही महीने में उत्तराखंड में चुनाव होने वाले हैं और ऐसे में अमूमन हर सर्वे में कांग्रेस के सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री के तौर पर सामने आने वाले हरीश रावत के कुछ ऐसे ट्वीट सामने आए हैं जो हाईकमांड से उनकी नाराजगी दिखाते हैं। उन्होंने अपने ट्वीट में अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस आलाकमान के रवैये पर अंगुली उठाते हुए कुछ ऐसा भी लिख दिया है जिसे कुछ लोग उनके रिटायरमेंट से जोड़कर देख रहे हैं।
हरीश रावत ने ट्वीट कर लिखा, ‘है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। जिस समुद्र में तैरना है, सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं। जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं। मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि हरीश रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिए, अब विश्राम का समय है!’उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ‘फिर चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है “न दैन्यं न पलायनम्” बड़ी उहापोह की स्थिति में हूंं, नया वर्ष शायद रास्ता दिखा दे। मुझे विश्वास है कि भगवना केदारनाथ जी इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे।’
हरीश रावत के सलाहकार ने लगाए प्रभारी पर आरोप
इन सबके बीच हरीश रावत के सलाहकार सुरिंदर अग्रवाल का भी बयान आया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि हरीश रावत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं। अगर देवेंद्र यादव की मौजूदगी में राहुल गांधी की रैली से उनके पोस्टर हटा दिए जाते हैं तो उनकी भूमिका संदेह में आ जाती है। इसके बाद उन्होंने कहा कि संभावना है कि देवेंद्र यादव साजिश में शामिल हों।
सुरिंदर अग्रवाल का कहना है कि भाजपा ने हमारे किसी सदस्य को धमकाने के लिए ईडी या सीबीआई का इस्तेमाल किया होगा। उन्होंने हरीश रावत और हमारे सदस्यों के बीच मतभेद पैदा करने के अपने मकसद को पूरा करने के लिए हमारे किसी सहयोगी को गुमराह किया होगा। भाजपा ने पहले भी ऐसा किया है और यह उनके लिए एक छोटा सा काम है।