देहरादून: तबादलों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री पर अभद्र टिप्पणियां करने के मामले में शिक्षक प्रवीन कुमार तिवारी को निलंबित कर दिया गया है। शुक्रवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशक महावीर सिंह बिष्ट ने इसके आदेश किए। निलंबन अवधि के लिए तिवारी को उत्तरकाशी में सीईओ कार्यालय से अटैच कर दिया गया है।
सोशल मीडिया पर टिप्पणियां करने के मामले में निलंबन की कार्रवाई का शिक्षा विभाग में यह पहला मामला है। हालांकि इससे पहले कुछ शिक्षकों को नोटिस जरूर दिए गए हैं, लेकिन बाद में चेतावनी देते हुए छोड़ दिया गया।
तिवारी ने अपने सोशल मीडिया पेज पर मई में पोस्ट की थी। माध्यमिक शिक्षा निदेशक के अनुसार तिवारी उत्तरकाशी के जीआईसी मोरी में हिंदी के प्रवक्ता पद कार्यरत हैं। पोस्ट में तबादला प्रक्रिया को केंद्रित करते हुए भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। सरकार और उच्चाधिकारियों पर बिना मोटी रकम लिए तबादला न करने का आरोप भी इसमें शामिल था। इसके साथ ही कई और गंभीर टिप्पणियां भी की गई हैं। इस मामले की जांच के बाद उत्तरकाशी के सीईओ ने यह भी कहा कि तिवारी का स्थानीय जनप्रतिनिधियों और अभिभावकों के साथ भी व्यवहार मर्यादित नहीं है। उन्हें सोशल मीडिया के जरिए धमकाया जाता है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक बिष्ट के अनुसार तिवारी का आचरण कर्मचारियों की आचरण नियमावली- 2002 का सरासर उल्लंघन है। मालूम हो कि सोशल मीडिया पर शिक्षकों के विभाग और सरकार के खिलाफ लिखने और टिप्पणी करने पर शुरू से पाबंदी है।
इससे पहले राजकीय शिक्षक संघ के पूर्व उपाध्यक्ष मुकेश कुमार बहुगुणा और डॉ. अंकित जोशी को नोटिस दिए गए हैं। बहुगुणा पर शिक्षा मंत्री पर टिप्पणियां करने का आरोप रहा है। सोशल मीडिया पर टिप्पणियां करने के मामले में निलंबन की कार्रवाई का शिक्षा विभाग में यह पहला मामला है।