अल्मोड़ा/रानीखेत/बागेश्वर। कोरोना संक्रमण के दौर में 22 मार्च से बंद स्कूल आखिरकार छह से बारहवीं तक की कक्षाओं के लिए खुल गए। बच्चों के आने से चहल-पहल बढ़ी तो स्कूल के सुनसान गलियारे एक बार फिर गुलजार हो गए। सुबह स्कूल में प्रवेश से पहले छात्र-छात्राओं की थर्मल स्क्रीनिंग कर सैनिटाइज किया गया। विद्यालयों में सुरक्षित दूरी का पालन करते हुए कक्षाएं संचालित की गईं। सोमवार को अल्मोड़ा के शासकीय ओर अशासकीय विद्यालयों में 70 फीसदी और बागेश्वर में 60 फीसदी बच्चे उपस्थित रहे।
अल्मोड़ा जिले में 460 सरकारी, अशासकीय इंटर कालेज, हाईस्कूल और जूनियर हाईस्कूल हैं। इन स्कूलों में अब तक कक्षा दस और बारहवीं की ही कक्षाएं संचालित हो रही थीं। कक्षा छह से नौ और ग्यारहवीं में पंजीकृत करीब चौंतीस हजार बच्चे पंजीकृत हैं। इनमें से सोमवार को 70 फीसदी बच्चे स्कूल पहुंचे। स्कूल के गेट पर बच्चों से उनके अभिभावकों का अनापत्ति पत्र भी लिया गया। इसके पश्चात सुबह साढ़े नौ बजे से सायं साढ़े तीन बजे तक कक्षाएं संचालित हुईं।
रानीखेत मिशन इंटर कालेज हो या ब्लाक का सुदूरवर्ती जीआईसी देहोली यहां पुख्ता इंतजाम देखे गए। 9.30 बजे छात्र-छात्राएं स्कूल पहुंचने लगे थे। प्रधानाचार्य सुनील मसीह ने बताया कि पहले दिन 404 में से 259 बच्चे विद्यालय पहुंचे थे। बच्चों को मास्क पहनने और सुरक्षित दूरी का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। उधर, द्वाराहाट ब्लाक में भी छठी से लेकर 12वीं तक की कक्षाएं शुरू हो गई हैं। विद्यालय की कक्षाओं को सैनिटाइज किया गया है। मुख्य शिक्षा अधिकारी एचबी चंद ने बताया कि कोरोना गाइड लाइन के अनुसार स्कूलों में कक्षाओं का संचालन किया गया। बागेश्वर में मुख्य शिक्षाधिकारी ने स्वयं कई स्कूलों में जाकर निरीक्षण किया। उन्होंने किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतने के निर्देश दिए।