ग्राफिक एरा के वीसी प्रियदरंजन अवार्ड के लिए चयनित

देहरादून: ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. नरपिंदर सिंह को प्रियदरंजन रे मेमोरियल अवार्ड 2023 से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार के लिए उनका चयन इण्डियन केमिकल सोसायटी ने किया है।

यह पुरस्कार रसायन विज्ञान के क्षेत्र में योगदान देने वाले वैज्ञानिकों को दिया जाता है। डॉ. नरपिंदर सिंह को केमिकल साइंसेज, इंजीनियरिंग और केमिकल एंड एलाइड इंडस्ट्री में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए यह पुरस्कार दिया जाएगा। विश्व के शीर्ष एक प्रतिशत वैज्ञानिकों में शामिल डॉ. सिंह के नाम 3 पेटेंट, 30,000 से ज्यादा साइटेशन और 416 पब्लिकेशन जैसी उपलब्धियां शामिल हैं। 36 वर्षों के सफल करियर में डॉ. सिंह ने कई प्रतिष्ठित संस्थानों में अपनी सेवाएं दी हैं। उन्होंने विभिन्न अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं का नेतृत्व और 35 पीएचडी का निर्देशन किया है।

डॉ. नरपिंदर सिंह को जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी, जयपुर में आयोजित रसायनज्ञों के वार्षिक सम्मेलन समारोह में इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।

प्रो. नरपिंदर सिंह के बारे में…
वेब ऑफ साईंस की दुनिया के प्रमुख एक प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची में शामिल डॉ नरपिंदर सिंह जापान, अमेरिका, ब्रिटेन और चीन के नामचीन विश्वविद्यालयों से जुड़े रहे हैं। शिक्षा और शोध के क्षेत्र में अनेक राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजे गए डॉ. सिंह ने 34 वर्षों में इस क्षेत्र में एक बहुत बड़ा मुकाम हासिल किया है।

डॉ. नरपिंदर सिंह को शोध पत्रों के मामलों में गूगल स्कॉलर में 83 का एच इंडेक्स हासिल करने का गौरव प्राप्त है। उनके 23 हजार से ज्यादा साइटेशन हैं। 1993 में गुरू नानक देव विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में शिक्षा क्षेत्र में पदार्पण करने वाले डॉ. सिंह को 1994 में कॉमन वैल्थ स्कॉलरशिप से नवाजा गया था। फूड प्रोसेसिंग में आउट स्टैंडिंग रिसर्च के लिए उन्हें वर्ष 1997 में प्राण वोहरा अवार्ड मिला था। वर्ष 2000 में वे फूड साईंस एंड टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर बन गये थे। वह कई वर्ष डीन और कॉर्डिनेटर भी रहे। दिसम्बर, 2022 में उन्होंने गुरुनानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर में सेवा की है।

डॉ. सिंह को देश के तमाम प्रतिष्ठित पुरस्कारों के साथ ही स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी ने दो साल पहले कैमिस्ट्री में दुनिया के दो प्रतिशत सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिकों की सूची में शामिल किया था और भारत में 18 वीं पोजिशन दी। वह विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में ओसाका सिटी यूनिवर्सिटी जापान के फूड एंड ह्यूमन हैल्थ साईंसेज विभाग, स्टेट यूनिवर्सिटी अमेरिका के ग्रेन साईंस एंड इंडस्ट्री डिपार्टमेंट, यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंजिलिया नार्वविच ब्रिटेन के स्कूल ऑफ कैमिकल साईंसेज एंड फार्मेसी और साऊथ चायना यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के स्कूल ऑफ फूड साईंस एंड इंजीनियरिंग से जुड़े रहे हैं।

उन्हें एक्सीलेंस इन कार्बोहाइड्रेट रिसर्च अवार्ड 2016, सीएनआर राव एजुकेशनल फाउंडेशन अवार्ड फॉर एक्सीलेंस इन रिसर्च 2007, एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में विशिष्ट कार्य के लिए नेशनल एकेडमी ऑफ एग्रीकल्चर साईंस से भी अवार्ड मिल चुका है। उन्हें एसोसिएशन ऑफ फूड साईंटिस्ट एंड टेक्नोलॉजिस्ट, नेशनल एकेडमी ऑफ साईंसेज, इंडियन नेशनल साईंस एकेडमी और नेशनल एकेडमी ऑफ एग्रीकल्चरल साईंसेज से फैलोशिप मिल चुकी है। उन्हें विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विभाग से जे सी बोस नेशनल फैलोशिप भी मिली है।

 

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