ऋषिकेश स्थित चौरासी कुटिया को संवारने की कवायत शुरू करेगी सरकार

देहरादून : देवभूमि उत्तराखंड के ऋषिकेश स्थित विश्व प्रसिद्ध चौरासी कुटिया को संवारने के लिए कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चौरासी कुटिया से संबंधित प्रपोजल भेजने की तैयारी कर रहे हैं, ताकि चौरासी कुटिया को वन क्षेत्र से बाहर करने के साथ ही इसे संवारा और सुरक्षित रखा जा सके. इससे चौरासी कुटिया घूमने आने वाले पर्यटकों को वहां पर बेहतर सुविधा उपलब्ध हो सकेंगी.

1963 के करीब महर्षि महेश योगी ने उत्तर प्रदेश सरकार से 20 साल के लिए यह जमीन लीज पर लेकर 84 कुटिया बनवाई थी. इसके बाद साल 1968 में महर्षि महेश योगी ने चौरासी कुटिया में अंतरराष्ट्रीय ध्यान शिक्षण शिविर का आयोजन किया. इस आयोजन में दुनियाभर के 60 अंतरराष्ट्रीय मैडिटेशन एक्सपर्ट पहुंचे. इसके बाद विदेशी पर्यटकों का चौरासी कुटिया आना-जाना शुरू हुआ. साल 1968 को बीटल्स ग्रुप के सदस्य जॉन लिनोन, पॉल मेकार्टनी, जार्ज हेरिशन व रिगो स्टार चौरासी कुटिया आए. वे करीब एक साल तक चौरासी कुटिया में रहे और भावातीत ध्यान की दीक्षा ली. यहां रहते हुए बीटल्स ग्रुप के सदस्यों ने 48 गीतों की रचना की. इन गीतों ने बाद में पूरे विश्व में धूम मचाई थी.

हालांकि, वन विभाग से जमीन लीज लेने के 20 साल पूरा होने के बाद साल 1983 में चौरासी कुटिया को राजाजी नैशनल पार्क में शामिल कर लिया गया और इसी के साथ यहां पर्यटक गतिविधियों को सीमित कर दिया गया. धीरे-धीरे यहां पर्यटकों की गतिविधियां न सिर्फ बंद हो गईं, बल्कि यह क्षेत्र वीरान हो गया. फिर करीब तीन दशक बाद साल 2015 में चौरासी कुटिया को एक बार फिर पर्यटकों के लिए खोल दिया गया. इसके बाद से ही दुनिया भर से बीटल्स के दीवाने यहां आकर इस धरोहर का दीदार करते हैं.

ऐसे में अब उत्तराखंड सरकार इस बीटल्स आश्रम एवं चौरासी कुटिया को संवारने का मन बना चुकी है. इसके लिए जल्द ही पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज प्रपोजल तैयार कर प्रधानमंत्री को भेजने जा रहे है. ताकि यहां देश विदेश से आने वाले पर्यटकों को बेहतर सुविधा मिल सके.

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि प्रदेश के वन मंत्री हरक सिंह रावत से इस मामले पर बातचीत हुई थी और उनसे आग्रह किया गया था कि चौरासी कुटिया में शौचालय समेत म्यूजियम बनाए जाए. इसके साथ ही चौरासी कुटिया में जो पहले एक्टिविटी थी, उन एक्टिविटी को टेलीविजन के जरिए लोगों को वहां की कहानियां बताई जा सके. ताकि आने वाली पीढ़ी इस विरासत के बारे में ये जान सके कि योग से प्रभावित होकर बीटल्स ने किस तरह से गाने लिखे.

महाराज ने बताया कि अब इस मामले का प्रपोजल तैयार कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजने जा रहे हैं. ताकि चौरासी कुटिया को वन क्षेत्र से निकालकर इसे संवारा जाए, क्योंकि इस ऐतिहासिक धरोहर में चारों तरफ जंगली घास उग गई है. जिन्हें व्यवस्थित करने की जरूरत है.

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