उत्तरकाशी: आपदा में भूमिहीन लोगों को मिलेगा सरकारी पट्टा

उत्तरकाशी। जिले में गत रविवार देर सायं को आयी प्राकृतिक आपदा में भूमिहीन हुए पात्र परिवारों को सरकारी भूमि का पट्टा दिया जाएगा। वहीं जिन ग्रामीणों की गोशाला क्षतिग्रस्त हुई है, मनरेगा के अंर्तगत उनकी गोशाला का निर्माण किया जायेगा। इसके साथ ही जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि आपदा ग्रस्त सभी गांव की निजी व सार्वजनिक परिसम्पत्तियों के नुकसान का जियोलॉजिस्ट से सर्वे कराया जा रहा है। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने एनआईसी कक्ष में आपदा प्रभावित गांव मांडों, कंकराड़ी, मस्ताड़ी, थलन, बोंगाड़ी, सिरोर, निराकोट, साड़ा आदि ग्राम प्रधानों व जीवन रेखा से जुड़े अधिकारियों की बैठक ली। इस मौके पर डीएम ने आपदा से हुई निजी व सार्वजनिक परिसम्पत्तियों की समीक्षा की। जिलाधिकारी ने कार्यदायी संस्था पेयजल, जल निगम,सिंचाई,लोक निर्माण ,आरईएस आदि विभागों को आपदा प्रभावित गांव में क्षतिग्रस्त हुई पेयजल लाइनों, सडक़ों, रास्तों, सुरक्षात्मक कार्यों, गोशालाओं, स्कूलों समेत निजी व सार्वजनिक परिसम्पत्तियों का 8 अगस्त तक स्टीमेट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। ताकि शीघ्र धनराशि जारी कर पुन:निर्माण कार्यों को गति प्रदान की जा सकें। इस मौके पर ग्राम प्रधान मांडों ने गदेरे के दोनों ओर सोलर लाइट लगाने, निराकोट के प्रधान ने गदेरे के दोनों ओर सुरक्षात्मक कार्य कराने व खतरे की जद में आये मकानों को विस्थापित करने, पेयजल लाइन को दुरुस्त करने की मांग की गई। जबकि ग्राम प्रधान मस्ताड़ी द्वारा पेयजल टैंक बनाने व गांव के रास्ते ठीक कराने एवं जिन मकानों में दरार आयी हुई है अथवा खतरे की जद में है उन्हें विस्थापित किये जाने की बात कही। सिरोर ग्राम प्रधान द्वारा क्षतिग्रस्त पम्पिंग योजना व पैदल रास्ते ठीक कराने की मांग की। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार,अपर जिलाधिकारी तीर्थपाल सिंह, एसडीएम देवेंद्र नेगी, ब्लाक प्रमुख विनीता रावत, कनिष्ठ प्रमुख मनोज पंवार,ग्राम प्रधान मस्ताड़ी सत्यनारायण सेमवाल,कंकराड़ी विनोद गुसाईं, बोंगाड़ी वीरेंद्र गुसाईं, साड़ा सावित्री गुसाईं, मांडों धीरेंद्र चौहान सहित जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *