चार महीने में मिली थी बीईजी में फ़िल्म शूटिंग की अनुमति-श्रीगोपाल नारसन
रुड़की। साहित्यकार श्रीगोपाल नारसन ने फ़िल्म अभिनेता इरफ़ान खान के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने बताया कि इरफान खान का इंजीनियर नगरी रुड़की से गहरा नाता रहा है।इरफ़ान ने मुख्य किरदार के रूप में फ़िल्म पान सिंह तोमर की शूटिंग रुड़की में की थी।फ़िल्म करने के बाद भी इरफान रुड़की आते रहे।
श्रीगोपाल नारसन ने जानकारी दी कि पान सिंह तोमर बने इरफान का फ़िल्म शूटिंग के दौरान इंटरव्यू ले रहा पत्रकार पूछता है कि आप डाकू कब बने, तो वह नाराज हो जाता है। वह कहता है ‘डकैत तो संसद में बैठे हैं, मैं तो बागी हूं।‘इरफ़ान ने अपने इस किरदार को अपना दिल दिया था ।तभी तो इरफ़ान ने गर्मी के वक्त तेज धूप में भी शूटिंग की थी और अपने किरदार को बखूबी निभाया था।
श्रीगोपाल नारसन ने बताया कि पान सिंह तोमर ने बंगाल इंजीनियर ग्रुप एवम केंद्र रुड़की में नोकरी की थी। इसलिए फ़िल्म निर्माता तिग्मांशु ने रक्षा मंत्रालय से बीईजी में इस फिल्म की शूटिंग करने की इजाजत मांगी। फिल्म को लेकर वह इतने उत्साहित थे कि अपनी पूरी यूनिट जिसमें करीब डेढ़ सौ से भी अधिक लोग थे, उन्हें लेकर रुड़की पहुंच गए थे और वही डेरा डाल दिया था।
गोपाल नारसन ने बताया कि हर रोज बेसब्री से इंतजार हो रहा था कि रक्षा मंत्रालय से अनुमति आ जाएगी, लेकिन चार दिन तक भी अनुमति नहीं पहुंची। कुछ सीन आइआइटी रुड़की से भी शूट किए गए। इसके बाद वह धौलपुर शूटिंग करने पहुंच गए। यहां पर कोहरे के कारण फिल्म की शूटिंग करने में परेशानी आई। करीब चार माह बाद बीईजी रुड़की में शूटिंग की अनुमति मिली, तब कहीं जाकर फ़िल्म का काम पूरा हो पाया।