गंगोत्री: उत्तराखंड में चार धाम के कपाट बंद होना शुरू हो गए हैं। सबसे पहले गोवर्धन पूजा (अन्नकूट पर्व) पर आज विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट शीतकालीन (6 महीने) के लिए बंद किए गए। इस मौके पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने दर्शन कर पूजा-अर्चना की। बुधवार को गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने की तैयारी सुबह 9 बजे शुरू हुई।
सर्वप्रथम उदय बेला पर मां गंगा के मुकुट को उतारा गया। इस दौरान तीर्थ पुरोहितों ने विशेष पूजा व गंगा लहरी का पाठ किया। डोली में सवार होकर गंगा की भोगमूर्ति जैसे ही मंदिर परिसर से बाहर निकली तो पूरा माहौल भक्तिमय हो उठा। कपाट बंद होने के बाद मां गंगा की उत्सव डोली को यात्रा गंगोत्री धाम से शीतकालीन पड़ाव मुखबा के लिए प्रस्थान कराया गया। डोली लंका स्थित भैरव मंदिर में विश्राम के बाद गुरुवार को मुखबा पहुंचेगी। गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट पर्व पर बुधवार की दोपहर 12: 01 बजे बंद हो गए। इस अवसर पर तीर्थ यात्रियों की भीड़ उमड़ी। साथ ही बड़ी संख्या में स्थानीय श्रद्धालु भी पहुंचे हैं।
वहीं विश्व क्षेत्र यमुनोत्री धाम और बाबा केदारनाथ धाम के कपाट कल भैया दूज पर पूरे विधि विधान के साथ बंद किए जाएंगे। यमुनोत्री धाम के कपाट गुरुवार को 12:09 बजे सर्व सिद्धि योग और अभिजीत मुहूर्त में बंद किए जाएंगे। मां यमुना की डोली अपने शीतकालीन पड़ाव खरसाली के लिए प्रस्थान करेगी। शीतकाल में यमुना के दर्शन खरशाली स्थित यमुना मंदिर में होंगे। वहीं भगवान केदारनाथ के कपाट 27 अक्टूबर यानी भैयादूज पर्व पर सुबह साढ़े आठ बजे वैदिक मंत्रोच्चार एवं पौराणिक परंपराओं के साथ विधिविधान से शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।
कपाट बंद होने के बाद भगवान की पंचमुखी उत्सव डोली रात्रि विश्राम के लिए प्रथम पड़ाव फाटा, 28 अक्टूबर को भोले बाबा की उत्सव डोली रात्रि विश्राम के लिए विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी तथा 29 अक्टूबर को पंचगद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी। शीतकाल के छह माह तक यहीं पर भगवान केदारनाथ की शीतकालीन पूजाएं व भक्त दर्शन कर सकेंगे। वहीं बाबा बद्रीनाथ धाम के कपाट अगले महीने 19 नवंबर को बंद होंगे।