थराली /चमोली (सुभाष पिमोली)। देवाल स्थित शराब की दुकान की बंदी को लेकर लॉकडाउन के बीच दो पक्षो में जमकर हंगामा हुआ। इस हंगामे के बीच हुड़दंगियों ने सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां भी उड़ाई और ये सब हुआ तहसील प्रशासन और पुलिस प्रशासन के सामने ही। हालांकि हाथ मे लठ लिए पुलिस के जवान दोनो पक्षो को समझाते ही रहे और शराब की दुकान के आसपास भीड़ जमाये लोगो को हटाने का प्रयास भी करते रहे।लेकिन सामाजिक दूरी फिर भी बन न सकी।
कोरोना वायरस के लिए किए गए लॉकडाउन के बीच शराब की दुकान खुलने से कोरोना संक्रमण को बढ़ावा मिलने का हवाला देते हुए देवाल के ब्लॉक प्रमुख दर्शन दानू,अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ आज सुबह से ही अंग्रेजी शराब की दुकान के आगे धरने पर बैठे रहे जिसके बाद शराब की दुकान बंद भी हो गयी।
मामला तब बिगड़ा जब देवाल यूथ क्लब के कुछ युवा विक्रम नेगी, तेजपाल रावत, जितेंद्र बिष्ट, महावीर नेगी उपप्रधान हाट समेत अन्य कई युवा हाथ मे दफ़्ती लिए सड़क पर नारेबाजी करने लगे। सड़क पर नारेबाजी कर रहे दूसरे पक्ष ने मांग की थी कि देवाल में इससे पहले भी 65 दिनों तक शराब की दुकान का विरोध किया गया था।ऐसे में धरना प्रदर्शन कर रहे अनशनकारियों पर कमीशनखोरी का आरोप लगाते हुए देवाल यूथ क्लब के सदस्यों ने मांग की की लॉकडाउन की अवधि तक शराब की दुकान का विरोध न किया जाए और यदि अनशनकारी धरने से उठते हैं तो वे इन जनप्रतिनिधियों के खिलाफ धरना देंगे। साथ ही सड़क पर नारेबाजी कर रहे इस गुट ने कहा कि पूर्ण शराबबंदी की मांग पर वे अनशनकारियों के समर्थन में हैं।
वहीं देवाल के ब्लॉक प्रमुख दर्शन दानू ने बताया कि उनका अनशन कोरोना से बचाव के लिए किए गए लॉकडाउन की अवधि तक शराब की दुकान बंद किये जाने को लेकर था। ताकि गांव में शराब से माहौल खराब न हो। लेकिन अब वे देवाल में शराब की दुकान की पूर्णबन्दी की मांग करते हैं और अनिश्चितकालीन धरना आज से ही उनके द्वारा शुरू किया गया है।
देवाल बाजार में शराब की दुकान के लिए किए गए इस विरोध के बीच लोगो ने सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई ,हालात इस कदर रहे कि मानो सड़को पर इस तरह के हुजूम के लिए ही लॉकडाउन की अवधि में ग्रीन जोन में छूट दी गयी हो।
धरना स्थल पर धरना शुरू होने के 6 घंटे बाद तक भी उपजिलाधिकारी थराली धरना स्थल पर नही पहुंचे हालांकि उनके द्वारा तहसीलदार थराली को धरना स्थल पर भेजा गया, लेकिन धरने के 6 घंटे बाद तक भी प्रशासन और अनशनकारियों के बीच सकारात्मक वार्ता नही हो पाई तो वहीं तहसीलदार थराली सुदर्शन बुटोला ने पूरे मामले पर चुप्पी साधते हुए मीडिया के सम्मुख कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।