छात्रवृत्ति घोटाले में दून के चार और संस्थानों पर मुकदमा दर्ज

देहरादून। करोड़ों रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले में एसआइटी ने दून के चार और संस्थानों पर शिकंजा कसा है। एसआइटी ने इन संस्थानों पर छात्रवृत्ति के लाखों रुपये हड़पने के आरोप में दून के अलग-अलग थानों में मुकदमे दर्ज कराए हैं। जिन संस्थानों पर शिकंजा कसा गया है, उनमें तीन जीआरडी ग्रुप के हैं। जिन छात्रों के फर्जी प्रवेश दिखाकर छात्रवृत्ति हड़पी गई है, एसआइटी अब उनके नाम और पते का सत्यापन कर रही है। इसके बाद छात्रों के बयान दर्ज किए जाएंगे। इस प्रकरण में अब तक देहरादून में 32 और हरिद्वार में 51 मुकदमे दर्ज कराए जा चुके हैं।

अनुसूचित जाति-जनजाति के छात्र-छात्राओं के फर्जी दाखिले दिखाकर छात्रवृत्ति हड़पने के बहुचर्चित मामले में जांच कर रही आइपीएस टीसी मंजूनाथ की अगुआई वाली एसआइटी ने शुक्रवार को जीआरडी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी, जीआरडी पॉलीटेक्निक और जीआरडी ग‌र्ल्स डिग्री कॉलेज के खिलाफ राजपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया।

एसओ राजपुर राकेश शाह ने बताया कि इन तीनों संस्थानों को जिला समाज कल्याण विभाग ने 2011-12 से 2016-17 के बीच कुल पांच करोड़, 41 लाख, 86 हजार 355 रुपये छात्रवृत्ति के रूप में जारी किए थे। लेकिन, एसआइटी की जांच में सामने आया कि छात्रवृत्ति का एक बड़ा हिस्सा फर्जी दाखिले दिखाकर लिया गया। संस्थान ने 2012-13 में एमबीए में अनुसूचित जाति के सात छात्रों का दाखिला दिखाया था, लेकिन जांच में चार छात्रों के पंजीकरण की ही पुष्टि हुई। इसी तरह वर्ष 2013-14 में एमबीए के 38 छात्रों के सापेक्ष 27 का पंजीकरण होना ही पाया गया।

वर्ष 2015-16 में बीए में 11 फर्जी प्रवेश दिखाए गए। 2016-17 में बीटेक में 22 दाखिले दिखाए गए, जबकि जांच में 12 छात्रों का पंजीकरण ही मिला। एसआइटी ने दूसरा मुकदमा कैंट कोतवाली में इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी एंड मैनेजमेंट, चकराता रोड के खिलाफ दर्ज कराया है। एसआइटी ने जांच में पाया कि जिला समाज कल्याण विभाग ने वर्ष 2011-12 से 2016-17 तक छात्रवृति के रूप में संस्थान को कुल 98 लाख 27 हजार 500 रुपये जारी किए। लेकिन, संस्थान ने जिन छात्रों के दाखिले दिखाकर छात्रवृत्ति ली, उनमें से अधिकतर के बैंक में खाते ही नहीं खुलवाए गए।

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