कांग्रेस में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के कद में एक बार फिर इजाफा हुआ है। कांग्रेस हाईकमान ने राष्ट्रीय स्तर पर कई वरिष्ठ नेताओं को अहम पदों से हटाया, वहीं राष्ट्रीय महासचिव के साथ कांग्रेस कार्य समिति के रूप में उनकी भूमिका बरकरार रखी। साथ में उन्हें पंजाब जैसे बड़े और कांग्रेसशासित प्रदेश के प्रभारी का अहम जिम्मा सौंपा गया है। उधर, उत्तराखंड के प्रभारी पद से अनुग्रह नारायण सिंह को हटाकर देवेंद्र यादव को यह दायित्व सौंपा गया है।
कांग्रेस हाईकमान ने राष्ट्रीय स्तर संगठन में बड़ा फेरबदल किया है। पार्टी की भावी रणनीति तय करने में अहम भूमिका निभाने के लिए बनाए गए राष्ट्रीय महासचिवों में उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व बरकरार रखा गया है। पार्टी ने पिछली दफा हरीश रावत के साथ रहे कई महासचिवों को बदल डाला, लेकिन उन्हें पद पर बरकरार रखा गया है। पुनर्गठित कांग्रेस कार्यसमिति में भी हरीश रावत जगह बनाए रखने में कामयाब रहे हैं। कांग्रेस महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल ने शुक्रवार को नए महासचिवों व पुनर्गठित कार्यसमिति की घोषणा की।
पार्टी हाईकमान का हरीश रावत पर विश्वास बरकरार रहने का ही नतीजा है कि उन्हें पंजाब राज्य के प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई। इससे पहले असम का प्रभारी बनाया गया था। पार्टी ने उत्तराखंड को लेकर भी बड़ा फैसला लिया। हाईकमान ने अनुग्रह नारायण सिंह को उत्तराखंड कांग्रेस प्रभारी के पद से हटा दिया। यह पद दिल्ली से जुड़े रहे देवेंद्र यादव को सौंपा गया है। देवेंद्र यादव की राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनाने और फिर उसे बचाने में अहम भूमिका मानी जाती है।
प्रदेश प्रभारी के रूप में अनुग्रह नारायण सिंह और हरीश रावत एकदूसरे के नजदीक नहीं आ पाए। हरीश रावत समर्थक अक्सर ये आरोप लगाते रहे हैं कि अनुग्रह नारायण सिंह की मौजूदगी में प्रदेश संगठन के कार्यक्रमों में हरीश रावत को तवज्जो नहीं मिली। नए प्रदेश प्रभारी की नियुक्ति को भी हरीश रावत के कद से जोड़कर देखा जा रहा है।