70 लाख की फिरौती के लिए महिला डॉक्टर ने किया मेडिकल स्टूडेंट का अपहरण

देश के छोटे या फिर दूर-दराज इलाकों में ही नहीं हिंदुस्तान की राजधानी दिल्ली में भी “हनीट्रैप” जैसे घिनौने अपराध की शुरुआत हो गयी है. यूपी से किये गये एक मेडिकल स्टूडेंट के अपहरण के खुलासे से इसका पता चला. हनीट्रैप के इस गंदे खेल में दिल्ली की एक महिला डॉक्टर भी शामिल पाई गयी है. जोकि अभी तक गिरफ्तार नहीं हुई है. जबकि उसका साथी और मास्टरमाइंड डॉक्टर तीन अपरहरणकर्ताओं के साथ दबोच लिया गया. इस गैंग का उद्देश्य मेडिकल स्टूडेंट की रिहाई के बदले 70 लाख की मोटी रकम फिरौती के रुप में वसूलना मुख्य उद्देश्य रहा.

फिलहाल गुरुवार रात हुए इस सनसनीखेज कांड के खुलासे के बाद से यूपी से लेकर दिल्ली तक हड़कंप मचा हुआ है. मामले का भांडा यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स यानि एसटीएफ ने फोड़ा. एसटीएफ की टीमों ने अपहृत मेडिकल स्टूडेंट को सकुशल छुड़ा लिया है. पूरे घटनाक्रम की पुष्टि शुक्रवार को टीवी9 भारतवर्ष से विशेष बातचीत में उत्तर प्रदेश पुलिस एसटीएफ प्रमुख आईजी अमिताभ यश ने की.

अमिताभ यश ने बताया, “हनीट्रैप के जरिये अपहरण की इस घटना के तार यूपी के गोण्डा और देश की राजधानी दिल्ली से जुड़े मिले हैं. अपहृत मेडिकल स्टूडेंट (बीएएमएस) गौरव हलदर है. जबकि अपहरणकर्ताओं में शामिल मास्टरमाइंड डॉक्टर अभिषेक सिंह सहित 3 को दबोच लिया गया है. मुख्य अपहरणकर्ता डॉ. अभिषेक सिंह के साथ गिरफ्तार उसके बाकी दोनो साथियों का नाम नीतेश और मोहित सिंह है. नीतेश धौलपुर, राजस्थान का और मोहित सिंह करनलगंज गोण्डा का रहने वाला है. गैंग का मास्टरमाइंड डॉक्टर अभिषेक सिंह, मूल निवासी वजीरगंज, जिला गोण्डा, यूपी का रहने वाला है. आजकल वो दिल्ली के बक्करवाला स्थित डीडीए फ्लैट्स में रह रहा था. गैंग में शामिल महिला डॉक्टर के बारे में पुलिस को पता चल गया है, मगर गैंग के धरपकड़ की भनक लगते ही वो फरार हो गयी है. एसटीएफ टीमें उसकी तलाश में दिल्ली यूपी में छापे मार रही हैं.”

70 लाख की फिरौती वसूलने की कोशिश

हनीट्रैप के जरिये इस अपहरण कांड की जड़ में 70 लाख की फिरौती वसूलने की कोशिश थी. जोकि एसटीएफ ने नाकाम कर दी. एसटीएफ और गोण्डा पुलिस के संयुक्त अभियान में सबसे बड़ी बात यह रही कि, अपहरणकर्ताओं के कब्जे से मेडिकल स्टूडेंट गौरव को भी सकुशल रिहा करा लिया गया. गैंग के पास से पुलिस ने 32 बोर की पिस्तौल, 4 जिंदा कारतूस, एक कारतूस का खोखा, नशे के इंजेक्शन और दिल्ली नंबर की एक स्विफ्ट डिजायर कार भी जब्त की है.

आईजी यूपी एसटीएफ अमिताभ यश के मुताबिक, “इस गैंग को दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा इलाके से गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तारी गुरुवार को तब हुई जब, अपहरणकर्ता ग्रेटर नोएडा से आगरा की ओर भागने की कोशिश में थे.” घटनाक्रम के मुताबिक, जिला बहराईच यूपी के रहने वाले निखिल हलदर ने 18 जनवरी 2021 को यूपी पुलिस को शिकायत दी थी. निखिल ने बताया था कि, “मेरा पुत्र गौरव एससीपीएम कॉलेज गोण्डा में बीएएमएस की पढ़ाई कर रहा है. बदमाशों ने उसका फिरौती के लिए अपहरण कर लिया है. रिहाई के बदले अपहरणकर्ता 70 लाख की मोटी रकम वसूलना चाहते हैं.”

अपराधियों तक कैसे पहुंची यूपी एसटीएफ की टीम

मामला चूंकि मेडिकल स्टूडेंट के अपहरण का था. लिहाजा गोण्डा जिला पुलिस के साथ साथ यूपी एसटीएफ भी इस काम पर लग गयी. पुलिस टीमों में कुलदीप सिंह, पुलिस अधीक्षक एसटीएफ मेरठ, अपर पुलिस अधीक्षक राज कुमार मिश्रा, अपर पुलिस अधीक्षक एसटीएफ ग्रेटर नोएडा, पुलिस उपाधीक्षक विनोद सिंह सिरोही के नेतृत्व वाली टीमें बनाई गयीं. इन टीमों में अपहरण की इस तरह की सनसनीखेज घटनाओं को खुलवाने में माहिर इंस्पेक्टर सौरभ विक्रम सिंह, सब-इंस्पेक्टर राकेश कुमार सिंह चौहान, ब्रह्म प्रकाश (सभी ग्रेटर नोएडा एसटीएफ) को भी शामिल किया गया.

एसटीएफ टीमें अपहरणकर्ताओं के करीब पहुंचने की कोशिश में जुटी ही थीं कि, तभी 20 जनवरी 2021 को गोण्डा पुलिस के इंस्पेक्टर सुधीर कुमार भी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियों के साथ नोएडा-ग्रेटर नोएडा एसटीएफ आफिस पहुंच गये. मामले को खुलवाने में बाद में यह जानकारियाँ बेहद काम की साबित हुईं. आईजी एसटीएफ यूपी पुलिस के मुताबिक, “21 जनवरी 2021 की रात यह तय हो गया कि, अपहरणकर्ता हमारी रेंज में हैं. साथ ही उनके कब्जे में मौजूद उनका शिकार (अपहरण किया गया मेडिकल स्टूडेंट गौरव) सुरक्षित है.”

एसटीएफ ने बेहद सावधानी से ऑपरेशन को दिया अंजाम

दरअसल यूपी एसटीएफ की टीमें इस बात को सर्वोपरि मानकर चल रही थी कि, किसी भी तरह से मेडिकल स्टूडेंट गौरव को नुकसान न पहुंचे. गौरव अगर सकुशल मिल गया तो, अपहरणकर्ता तो बाद में भी दबोच लिये जायेंगे. एसटीएफ टीमें इसीलिए अपने ऑपरेशन को बेहद सावधानी से अंजाम देने में जुटी थी. एसटीएफ को इसका अंदाजा था कि, अगर उसकी कार्रवाई की जरा भी भनक अपरहणकर्ताओं को लग गयी तो, वे बेहद नुकसानदेह साबित हो जायेंगे.

कैसे फंंसाया हनीट्रैप के जाल में  

लिहाजा इन विपरीत हालातों में भी आगे बढ़ रही एसटीएफ की टीम के सब-इंस्पेक्टर राकेश कुमार सिंह चौहान को पता चल गया कि, अपहरणकर्ता राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र को छोड़कर बाया आगरा, लखनऊ जाने वाले हैं. बस यही जानकारी यूपी एसटीएफ की टीमों को तुरुप का पत्ता साबित हुईं. यमुना एक्सप्रेस-वे पर एसटीएफ और गोण्डा पुलिस की टीमों ने अपहरणकर्ताओं के कब्जे से गौरव को छुड़ा लिया.
आईजी एसटीएफ के मुताबिक, “बदमाशों ने गौरव को अपनी स्विफ्ट डिजायर कार की सीट के नीचे छिपा रखा था.” एसटीएफ की पूछताछ में गैंग के मास्टरमाइंड डॉ. अभिषेक सिंह ने बताया कि , “यह पूरा मामला हनी ट्रैप का है. इसमें उसकी (अपहरणकर्ता डॉ. अभिषेक सिंह की) एक परिचित महिला डॉक्टर भी शामिल है. उसी ने शिकार का हनीट्रैप का दाना डालकर जाल में फंसाया था.”

स्टूडेंट गौरव को नशे के इंजेक्शन देकर मास्‍टरमाइंड के फ्लैट पर छिपाया 

यूपी एसटीएफ के मुताबिक, “गिरफ्तार आरोपी डॉक्टर अभिषेक सिंह 2013-2014 बैच का, राजीव गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज, बंगलौर से बीएएमएस का पासआउट है. गिरफ्तार अपहरणकर्ता नितेश बैंक, जीवन बीमा संबंधी धोखाधड़ी के धंधों से भी जुड़ा है. मास्टरमाइंड डॉ. अभिषेक सिंह नजफगढ़ रोड स्थित एक निजी अस्पताल में नौकरी करता है. इसी अस्पताल में प्रीति मेहरा नाम की दूसरी डॉक्टर और इस अपहरण कांड की दूसरी मास्टरमाइंड भी काम करती है. शिकार रोहित ने तलाशा. फिर डॉ. प्रीति ने शिकार को फोन करके जाल में फंसाया. दो-तीन दिन की बातचीत में ही शिकार जाल में फंस गया. 17 जनवरी को चारों अपहरणकर्ता (डॉ. प्रीति मेहरा, डॉ. अभिषेक सिंह, रोहित और नितेश) दिल्ली से गोण्डा रवाना हो गये. गोण्डा पहुंच कर डॉ. प्रीति सिंह ने शिकार एक राहगीर के मोबाइल से कॉल करके अपनी जगह पर बुला लिया. वहां से मेडिकल स्टूडेंट गौरव को अपहरण करके दिल्ली ले आया गया. इन चार पांच दिनों तक गौरव को नशे के इंजेक्शन लगाकर, मास्टरमाइंड डॉ. अभिषेक सिंह के ही दिल्ली वाले फ्लैट पर छिपा कर रखा गया था.

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