देहरादून (रेनू महरा)। उत्तराखंड की महिलाओं ने दुनिया के सामने बड़ी मिसालें पेश की हैं। कहावत है कि देवभूमि को जिंदा ही महिलाओं ने रखा है। पहाड़ की नारी शक्ति ने पहाड़ का नाम देश दुनिया में ऊंचा किया है। क्या आप उत्तराखंड की ऐसी महिलाओं के बारे में जानते हैं। आइए हम आपको बतातें हैं कुछ प्रसिद्ध महिलाओं के बारे में….
बछेन्द्रीपाल-भारत की प्रथम महिला एवरेस्ट विजेता …१९८५ में पद्मश्री से सम्मानित ….
हंसा मनराल-द्रोणाचार्य पुरुस्कार से सम्मानित होने वाली प्रथम महिला ….
ज्योति राव पाण्डेय-उत्तराखंड की प्रथम आई .ए. एस. महिला ….
माया टम्टा-भारत की प्रथम महिला मेजर जनरल ….
आइरिन पन्त-इनका जन्म डेनिअल पन्त के घर मल्ला कसून, अल्मोरा में हुआ.. और विवाह पाकिस्तान के प्रथम प्रधानमंत्री लियाकत अली खान के साथ हुआ ..वे १९५४ में नीदेर्लैंड में पाकिस्तान की राजदूत रहीं.
चंदेर्प्रभा ऐत्वाल-६१ साल की पर्वतारोही चंदेर्प्रभा ऐत्वाल को १९८१ में नंदादेवी अभियान की सफलता के लिए अर्जुन पुरूस्कार , १९९० में पदमश्री अरु १९९३ में नेशनल adventure अवार्ड से सम्मानित किया गया |
प्रो. सुशीला डोभाल-वे १९५८ में महादेवी कन्या डिग्री कॉलेज (देहरादून) में प्रधानाचार्य बनी | १९७७ में पहली बार और १९८४-८५ में वह दूसरी बार गडवाल विश्वविद्यालय की कुलपति बनी…इन्हें उत्तराखंड की प्रथम महिला कुलपति होने का गौरव प्राप्त है |
बंसंती बिष्ट-ऐतिहासिक वीर गाथाओ तथा जागर गायकी में वे उत्तराखंड की एकमात्र महिला गायिका हैं ..|
कबूतरी देवी-पिथोरागढ़ जिले के गाँव -kweetadh निवासी लोक गायिका कबूतरी देवी का जन्म काली कुमोऊ के लेटी में हुआ ..इनके लखनऊ और नजीबाबाद आकाशवाणी केन्द्रों से गाये गीत बहुत लोकप्रिय हुए …
गौरा देवी-चिपको आन्दोलन की प्रथम सूत्रधार महिला … १९८६ में प्रथम वृक्ष मित्र पुरुस्कार से सम्मानित ….
सुभाषिनी बर्थवाल-उत्तराखंड आन्दोलन के CBI मुकदमे झेलनी वाली एकमात्र महिंला हैं …वे २ सप्त. १९९४ हो हुए मसूरी कांड की प्रत्यक्षदर्शी रही हैं ….इन पर पुलिस क्षेत्राधिकारी उमाकांत त्रिपाठी की हत्या का झूठा आरोप लगाया गया था …वर्तमान में वे नगर पालिका मसूरी में सभासद हैं …
विजया बर्थवाल- उत्तराखंड विधानसभा की प्रथम उपसभापति चुनी गई …