पुलिस को चकमा देकर लॉकडाउन में दिल्ली से निकला परिवार, एंबुलेंस से पहुंच गया गोरखपुर

गोरखपुर (नेटवर्क 10 संवाददाता)। लॉकडाउन में ऐसे ऐसे शरारती और खुराफाती लोग भी सामने आ रहे हैं जिनकी कहानी सुनकर लोग दांतों तले उंगली दबा रहे हैं। ऐसे लोग अपनी जान को तो जोखिम में डाल ही रहे हैं, दूसरों को भी मौत के गले में डाल रहे हैं। एक ऐसा ही परिवार दिल्ली से गोरखपुर चला आया। हैरत की बात ये है कि इस परिवार ने पुलिस को चकमा दे डाला। दरअसल ये परिवार एक प्राइवेट एंबुलेंस बुक कराकर गोरखपुर पहुंचा।

23 हजार में बुक कराई थी एंबुलेंस

एक परिवार दिल्ली से एंबुलेंस बुक कराकर बेधड़क बैरियरों को पार करते हुए बांसगांव इलाके में अपने गांव पहुंच गया। इस परिवार के मुखिया का इलाज भी सफदरजंग अस्पताल में चल रहा था। जानकारी मिलते ही ग्रामीण उग्र हो गए। इसके बाद ग्राम प्रधान पूरे परिवार को जिला अस्पताल ले गए। वहां दिल्ली से परिवार के आने की सूचना से हड़कंप मच गया।

सीओ कोतवाली बीपी सिंह व जिला अस्पताल के कोरोना वार्ड प्रभारी डॉ. राजेश कुमार मौके पर पहुंचे। पूछताछ में पता चला कि परिवार दिल्ली से 23 हजार रुपये में प्राइवेट एंबुलेंस बुक कराकर आया है। इस परिवार के लोगों में प्राथमिक जांच में कोरोना के लक्षण नहीं मिले हैं, लेकिन एहतियात के तौर पर पूरे परिवार को टीबी अस्पताल में क्वारंटाइन करा दिया गया है। उनकी कोरोना की जांच कराई जाएगी।

डॉ.राजेश कुमार के अनुसार बांसगांव के भैंसा रानी गांव निवासी व्यक्ति परिवार के साथ दिल्ली में रहता है। सफदरजंग इलाके में कपड़ा धुलाई का काम करता है। उसके लीवर में संक्रमण है और सफदरजंग अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था। लॉकडाउन में एंबुलेंस बुक कराकर वह पत्नी, दो बेटियों और तीन साल के पोते के साथ गांव पहुंच गया। गांव के प्रधान उसे स्वास्थ्य केंद्र, बांसगांव ले गए। वहां से जिला अस्पताल भेज दिया गया। जिला अस्पताल गेट पर ही एंबुलेंस उसे छोड़कर चली गई। इसके बाद एंबुलेंस का पता नहीं चला।

पुलिसवालों ने भी नहीं की एंबुलेंस की जांच

आपको बता दें कि दो दिन पहले भी एक व्यक्ति दिल्ली से एंबुलेंस से गोरखपुर आ गया था। जब इस व्यक्ति की जांच की गई तो ये कोरोना पॉजिटिव निकला। इसके बाद से हाई अलर्ट जारी किया गया। इसके बावजूद बिना जांच के मंगलवार को भी दिल्ली से आई एंबुलेंस सारी सुरक्षा व्यवस्था को दरकिनार कर जिले की सीमा में प्रवेश कर गई। बांसगांव पहुंचे परिवार का दावा है कि पुलिस ने उन्हें कहीं नहीं रोका।

 

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