बागेश्वर के पूर्व फौजी ने कायम की मिसाल, युवाओं के लिए बने हैं प्रेरणास्रोत

बागेश्वर (नेटवर्क 10 संवाददाता)। कोरोना संक्रमण के दौरान जहां लोग घरों में कैद हैं और लॉकडाउन खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं जो मिसाल कायम कर रहे हैं। एक ऐसे ही युवा हैं बागेश्वर के मनमोहन सिंह। मनमोहन सिंह फौज से रिटायर हैं और लॉकडाउन के दौरान उन्होंने स्थानीय युवाओं के लिए एक मिसाल कायम की है।

पूर्व फौजी मनमोहन सिंह कालाकोटी बागेश्वर जिले के पुंगरघाटी के रहने वाले हैं। इस पूर्व फौजी ने लॉकडाउन के दौरान गांव में गोपालन का गाम शुरू किया और अब एक अच्छी डेयरी बना ली है। आसपास के गांवों में भी वो दूध दही की सप्लाई करते हैं। मनमोहन स्थानीय युवाओं को भी स्वरोजगार के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

मनमोहन सिंह स्थानीय गांवों में प्रतिदिन करीब बीस लीटर दूध बेच रहे हैं। इसके साथ ही दही, मट्ठा, घी आदि भी डिमांड के अनुसार लोगों को मुहैया करा रहे हैं। इसके अलावा मुर्गी और मत्स्य पालन का कारोबार उन्होंने लॉकडाउन के दौरान शुरू किया है। उनकी मेहनत धीरे-धीरे रंग लाने लगी है और वे स्थानीय युवाओं को रोजगार के लिए भी प्रेरित कर रहे हैं।

पूर्व फौजी मनमोहन सिंह का कहना है कि उनकी पैतृक जमीन गांव में बंजर पड़ी थी। फौज से घर आने के बाद वह खाली नहीं बैठ सकते थे। खेतों को खोदा और गोशाला बनाया है। गांव के आधा दर्जन युवाओं को भी रोजगार दे रहे हैं। लॉकडाउन के बीच चारा आदि की दिक्कत है। ग्रामीण भी उनसे गो-पालन, सब्जी, मत्स्य और मुर्गी पालन की जानकारी जुटा रहे हैं।

पुंगरघाटी विकास मंच के संयोजक हरीश कालाकोटी ने बताया कि कि मनमोहन ने अपने नाम से गांव में गोशाला बनाई है। उन्होंने अपनी डेयरी का नाम भागीरथी डेयरी रखा है। सरल व मधुर व्यवहार के धनी मनमोहन कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव और रोकथाम के लिए भी लोगों को जागरूक कर रहे हैं। वे प्रतिमाह करीब बीस हजार रुपये घर में बैठकर कमाने लगे हैं।

 

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