देहरादून (नेटवर्क 10 संवाददाता)। उत्तराखंड के राजस्व में सुधार आ रहा है। आंकड़ों के मुताबिक हर तीस दिन में प्रदेश 700 करोड़ जोड़ रहा है। इसके साथ ही आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में खर्च भी बढ़ रहे हैं। लेकिन ये एक अच्छा संकेत है कि प्रदेश की सरकार राज्य के राजस्व की कमाई पर गंभीरता से ध्यान दे रही है और इसके रिजल्ट अच्छे आ रहे हैं। राज्य के वित्त सचिव अमित नेगी का कहना है कि प्रदेश को अब अपने राजस्व से प्रति माह करीब 700 करोड़ रुपये की आय हो रही है और यह आने वाले समय में बढ़ेगी। इसी तरह लॉकडाउन में खर्च भी बेहद कम हो गया था। अब खर्च ने भी रफ्तार पकड़ी है। यह अर्थव्यवस्था के उबरने का संकेत भी है।
हालांकि कोरोनाकाल की वजह से अब भी प्रदेश के हालात बहुत बेहतर नहीं हैं लेकिन आर्थिकी में सुधार के संकेत सुकून देते हैं। मुख्यमंत्री के साथ ही वित्त विभाग ने भी अब इस अपवर्ड ट्रेंड से उम्मीद करनी शुरू कर दी है। अगर स्थिति यही रही तो प्रदेश सरकार आने वाले समय में नई योजनाएं भी लेकर आ सकती है। खुद मुख्यमंत्री इसका संकेत दे रहे हैं। नियोजन विभाग की ओर से 30 जून तक किए गए आकलन से भी इसकी पुष्टी हो रही है। एक तरफ खर्च बढ़ा है तो दूसरी तरफ जीएसटी, स्टांप आदि से राजस्व में भी इजाफा हुआ है। लॉकडाउन में यह आय करीब-करीब शून्य हो गई थी।
इधर, दिल्ली में जीएसटी काउंसिल की बैठक हो रही है जिसमें प्रदेश से सौजन्या शामिल हो रही हैं। प्रदेश को जीएसटी के नुकसान की भरपाई के रूप में अभी तक मार्च का ही पैसा मिला है। अब अप्रैल का पैसा भी मिल जाता है तो प्रदेश को तात्कालिक राहत भी मिल पाएगी। इसका फर्क बाजार उधारी पर भी पड़ेगा। यह प्रतिपूर्ति मिल गई तो बाजार से सरकार को इस माह के अंत में उधार कम उठाना होगा।
नियोजन विभाग ने 30 जून तक की जो समीक्षा की है उसके मुताबिक हालात इस तरह हैं…
राज्य सेक्टर
बजट प्रावधान-43662 करोड़
स्वीकृति-14483 करोड़
खर्च-5892 करोड़
केंद्र पोषित योजनाएं
बजट-9621 करोड़
स्वीकृति-2311 करोड़
खर्च -961 करोड़