उत्तराखंड में जंगलों से सटे गांवों में ईको विकास समितियां (ईडीसी) गठित कर इनके माध्यम से ईको टूरिज्म की गतिविधियां प्रारंभ की जाएंगी। वन मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों को इस सिलसिले में निर्देशित किया है। साथ ही जिन-जिन क्षेत्रों में ईडीसी गठित हैं, उन्हें सक्रिय करने को भी कहा है।
कार्बेट व राजाजी टाइगर रिजर्व, फूलों की घाटी नेशनल पार्क, नंदादेवी बायोस्फीयर रिजर्व समेत कुछ अन्य संरक्षित क्षेत्रों से लगे गांवों में ईडीसी गठित की गई हैं। इनकी संख्या लगभग 250 है। इनमें से कई समितियां सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं, जिनके सदस्यों को संबंधित क्षेत्रों में वन्यजीव पर्यटन से जुड़ी गतिविधियों में रोजगार मिला हुआ है। कहीं इन समितियों के सदस्य जंगल सफारी के लिए जिप्सियों का संचालन कर रहे तो कहीं गाइड आदि की भूमिका में हैं।
इस सबको देखते हुए अब राज्य के सभी वन प्रभागों के साथ ही संरक्षित क्षेत्रों से सटे गांवों में ईडीसी गठित करने का निश्चय किया गया है, ताकि वहां के निवासियों के लिए भी रोजगार के अवसर सृजित हो सकें। वन मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने बताया कि ईडीसी के माध्यम से मुख्य रूप से ईको टूरिज्म से संबंधित गतिविधियां शुरू की जाएंगी। इससे क्या-क्या कार्य कर सकती हैं इसकी कार्ययोजना बनाने के लिए भी वन विभाग के मुखिया प्रमुख मुख्य वन संरक्षक को निर्देशित किया गया है।