किस वज़ह से हुए उत्तराखंड के आबकारी विभाग में प्रमोशन निरस्त !

देहरादून (नेटवर्क 10 संवाददाता ): विवादों और आरोपों से हमेशा दो चार रहने वाले आबकारी विभाग में विभागीय प्रमोशन में भी पेंच फंस गया। आरोपों को देख आज दोबारा होने वाले मेडिकल को निरस्त करते हुये अब अगली तीथि तय करने का निर्णय लिया गया है। आबकारी मुख्यालय में कर्मचारियों के प्रमोशन में खेल की तैयारी की चर्चा पहले से ही थी। लेकिन कमाल तो तब हुआ जब सीनियर से लिस्ट में जूनियर आगे निकल गये। पदोन्नित पाने वाले कर्मचारियों का चार जुलाई को शारीरिक परीक्षण हो चुका है। इसमें कुछ कर्मचारी फेल भी हो गए थे। लेकिन अब इन कर्मचारियों को दोबारा मेडिकल के लिए कोरोनेशन अस्पताल में बुलाये जाने से ही चर्चायें जोरो से शुरू हो गई थी।दरअसल विभाग में पांच हेड कांस्टेबल और नौ दरोगाओं के प्रमोशन होने हैं। इसके लिए सभी का शारीरिक परीक्षण किया जाना अनिवार्य है। इसमें कुछ कर्मचारी फेल भी हो गए थे। इस परीक्षण की वीडियोग्राफी भी की गई थी कुछ कर्मचारियों ने दबी जुबान में इसमें धांधली का आरोप भी लगाया था। इसमें कुछ बाबू और राजधानी के विधायक के हस्ताक्षेप की चर्चायें भी जोरों पर है।

पत्र को लेकर भी सवाल

मंगलवार चार जुलाई को होने वाले मेडिकल के लिये जारी पत्र के भी बैकडेट में जारी होने की चर्चायें आम है। ह्ललांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि कोई नही कर रहा है। ये बात भी चौंकाने वाली है कि विभाग के स्तर से जारी ग्रेडेशन सूची में सीनियर कैसे पीछे रह गये और जूूनियर आगे आ गये ज्बकि कुल 16 ही नाम थे। अपर आयुक्त प्रशासन उदय सिंह राणा के मुताबिक एक कर्मचारी के कोरनटिन होने व कुछ तकनीकि खामी के कारण आज के मेडिकल निरस्त किये गये है इसे दोबारा कराया जायेगा।

आबकारी महकमे में हालात बेकाबू

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत जहाँ पारदर्शी व्यवस्था बनाने के लिये दिन रात निर्देश दे रहे है मेहनत कर पसीना बहा रहे है। वहीं इससे उल्ट आबकारी महकमे में अपनी अपनी ढपली अपना अपना राग ही चल रहा है। बीते एक वर्ष कई ऐसे विवाद हुए जिससे विभाग की छवि को झटका लगा है।

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