पिता के निधन के बावजूद जुटे हैं कोरोना संक्रमितों के इलाज में

देहरादून: पिता की मौत की खबर यानी वज्रपात की खबर। इस दौरान भी कोई अपना फर्ज निभाता रहे तो वह निश्चित असाधारण व्यक्ति ही होगा। जी हां! ऐसा ही कुछ हुआ हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट में। यहां के कोविड हॉस्पिटल के आईसीयू में ड्यूटी कर रहे डॉ.मृणाल कमल ने अपनी ड्यूटी के प्रति कुछ ऐसा ही जज्बा दिखाया। कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने उनकी कर्तव्यनिष्ठा की तारीफ करते हुए दुख की घड़ी में सांत्वना दी।
डॉ.मृणाल कमल को फोन पर उनके परिजनों ने उनके पिता कमला प्रसाद की गोवा में कोरोना से निधन की खबर दी। इस खबर से डॉ.मृणाल कमल बुरी तरह टूट गए। कोविड आईसीयू में मरीजों के उपचार की जिम्मेदारी का फर्ज याद कर उन्होंने गम को किसी के सामने छलकने नहीं दिया। इसके बाद उन्होंने खुद को संभाला और कोविड वॉर्ड में ड्यूटी जारी रखी। कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने डॉ.मृणाल कमल ने कोविड महामारी में अपने पिता को खोने पर भी डॉ.मृणाल ने फर्ज निभाकर एक मिसाल पेश की है। हिमालयन हॉस्पिटल में ऐसे कई कोविड वॉरियर्स हैं जो इस मुश्किल समय में भी अपने परिवार से दूर रहकर रोगियों की सेवा कर रहे हैं। डॉ.मृणाल कमल ने कहा कि पिता के निधन की खबर ने मुझे झकझोर कर रख दिया। अंतिम संस्कार के लिए मैं घर जाता तो शायद भावनात्मक रूप से टूट जाता। फिर सोचा कि अभी यहां मेरे मरीजों को मेरी जरूरत है और इसीलिए मैंने अपनी ड्यूटी जारी रखने का फैसला किया। मैं उनकी जान बचा पाता हूं तो मेरे पिता को यही मेरी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

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