देहरादून: नकली दवाएं बनाने वाले जालसाज लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं। 15 अक्टूबर को देहरादून पुलिस ने नकली दवा बेचने के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया। ये लोग दिल्ली, बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश समेत करीब 44 स्थानों पर नकली दवाओं की सप्लाई करते थे। बीते दो सालों में आरोपी करीब सात करोड़ रुपये की नकली दवा बेच चुके थे। सितंबर महीने में ही आरोपियों ने दिल्ली में 90 लाख रुपये की नकली दवाई सप्लाई की थी। इस मामले में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि आरोपियों ने जिन प्रदेशों या शहरों में नकली दवाइयों की सप्लाई की है, वहां से दवा जब्त करने की कार्रवाई की जा रही है। जिन सप्लायरों को नकली दवा बेची गई, उनके बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। एसएसपी ने बताया कि आरोपियों के बैंक खाते से करीब 23 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन भी हुआ था। पूरा मामला कैसे पकड़ में आया, ये भी बताते हैं।
दरअसल 14 अक्टूबर को गुरुग्राम, हरियाणा निवासी विक्रम रावत ने देहरादून पुलिस को एक शिकायत दी थी, जिसमें उसने कहा था कि वो JAGSONPAL PHARMACEUTICALS Limited में डिप्टी मैनेजर के पद पर हैं। विक्रम ने आरोप लगाया कि सचिन शर्मा प्रोपराइटर एसएस मेडिकोज अमन विहार देहरादून अपने कुछ अज्ञात साथियों के साथ मिलकर उनकी कंपनी JAGSONPAL PHARMACEUTICALS Limited का नाम इस्तेमाल कर नकली व मिलावटी दवाइयां बेच रहा है। केस दर्ज करने के बाद पुलिस ने सचिन शर्मा और उसके पार्टनर विकास कुमार को पॉलिटेक्निक रोड धर्मकांटा रायपुर से गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान आरोपियों की रेंज रोवर कार से पुलिस को बड़ी मात्रा में नकली दवाइयां मिलीं। आरोपियों ने नकली दवाएं बनाने के लिए हरिद्वार के मकदूमपुर गांव में फर्जी फैक्ट्री लगाई हुई थी। पुलिस ने फैक्ट्री को सील कर दिया है। आरोपी के हरिद्वार स्थित फ्लैट से भी करोड़ों की नकली दवाएं मिली हैं। फिलहाल पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है।