सोमेश्वर ( नेटवर्क 10 संवाददाता ) : माला गांव के तीन गरीब परिवारों के पुस्तैनी मकान पिछले सप्ताह आपदा में ध्वस्त हो गए. जिनमें से दो परिवारों ने गांव के जनमिलन केंद्र में शरण ली है. लेकिन जनमिलन केंद्र में दरवाजे और खिड़कियां नहीं लगे हैं. जिस कारण यहां रह रहे परिवारों को जंगली जानवरों का भय बना हुआ है. जिसको देखते हुए आम आदमी पार्टी ने सरकार से पीड़ितों को सुरक्षित जगह देने की मांग की है. बता दें कि, बीते दिनों आपदा के कारण माला गांव के राजेंद्र प्रसाद, दीपा देवी पत्नी गौरी राम और नरूली देवी पत्नी चनर राम के आवास ध्वस्त हो गए थे. जिस कारण वे बेघर हो गए हैं. इन परिवारों ने गांव के जनमिलन केंद्र में शरण ली है.
आपदा पीड़िता नरूली देवी (75) ने कहा कि जनमिलन केंद्र में शौचालय, पीने का पानी, बिजली आदि की कोई व्यवस्था नहीं है. उन्होंने कहा कि भवन में दरवाजे और खिड़कियां भी नहीं हैं. रात में जंगली जानवरों और सांप-कीड़ों का भय बना रहता है. उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि कोरोना काल में आई आपदा की घड़ी में उन्हें बुनियादी सुविधा से युक्त स्थानों में शिफ्ट किया जाए. साथ ही उनके लिए शीघ्र आवास स्वीकृत किए जाए.
आम आदमी पार्टी के जिला मीडिया प्रभारी भुवन चंद्र जोशी समेत कार्यकर्ताओं ने पीड़ित परिवारों का हालचाल जानने के लिए माला गांव का भ्रमण किया. उन्होंने प्रशासन पर आपदा पीड़ितों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए शीघ्र उनकी समस्याओं का निराकरण करने की मांग की. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने कोरोना संक्रमण से बचने के लिए ग्रामीणों को निशुल्क मास्क भी बांटे.