- देहरादून में प्राण प्रतिष्ठा से पहले राममय हुई देवभूमि
- प्रभु श्री राम का 500 वर्षों का वनवास समाप्त हुआ: पं.देवी प्रसाद
- युगों-युगों तक याद रखी जायेगी 22 जनवरी 2024 की तारीख: पं.देवी प्रसाद
- भजन-कीर्तन सहित हुए विभिन्न आयोजन
देहरादून: अयोध्या में प्रभु श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर सोमवार को देहरादून के महोब्बेवाला गीता सत्संग भवन मंदिर में संस्कृत श्लोकों का मंत्रोच्चार, भजन कीर्तन, हनुमान चालीसा, सुंदर कांड, रामभक्ति एवं हनुमान भक्ति से संबंधित विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। मंदिर में सुबह से ही भक्तों की भीड़ रही।
इसके साथ ही लोगों एलईडी स्क्रीन के माध्यम से सीधा प्रसारित राम जन्म भूमि अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के दर्शनों के साक्षी बने। जैसे ही भक्तों ने रामलला की पहली छवि देखी तो ऐसी खुशी हुई कि कई लोगों की आंखों से आंसू बह निकले। बालकांड रमचरितमानस में जैसी रामलला का जैसा वर्णन किया गया है, वैसी ही रामलला का विग्रह सुशोभित हो रहा है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान पूरा होने के बाद भंडारे का आयोजन किया गया।
इस मौके पर पंडित देवी प्रसाद काण्डपाल ने रामभक्ति को श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि 500 साल के इंतजार के बाद आखिरकार प्रभु राम अपने मंदिर में विराजमान हो गए हैं। आज 22 जनवरी, वर्ष 2024 का दिन युगों-युगों तक याद किया जायेगा। आज का दिन भारत के भविष्य का नूतन सूर्योदय लेकर आया है। सत्य, अहिंसा, शान्ति, सद्भाव, समरसता, समता और एकता की किरणों से पूरे भारत को आल्हादित कर रहा है। भारतीय संस्कृति, सनातन मूल्यों के साथ भारत की आस्था, भारतीयों का भाव अपने प्रभु श्री राम को अपने धाम लेकर आ गया। आम जनता के लिए 23 जनवरी से राम मंदिर खुला है। कोई भी भक्त प्रभु राम के दर्शन करने जा सकता है।
इस अवसर पर मंदिर समिति के अध्यक्ष श्री एम.एम पांथरी, कोषाघ्यक्ष श्री कमल सुंद्रियाल, सचिव श्री जसवंत सिंह नेगी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।