उत्तराखंड सरकार ने बाहरी राज्यों से चारधाम आने वाले श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति दे दी है. चारधाम देवस्थानम् बोर्ड के सीईओ और गढ़वाल मंडलायुक्त रविनाथ रमन ने चारधाम यात्रा के लिए एक नई गाइडलाइन जारी की है. जिसमें अन्य राज्यों से आ रहे श्रद्धालुओं व व्यक्तियों को भी उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की सशर्त अनुमति दी गयी है.
उत्तराखंड सरकार द्वारा चारधाम के लिए जारी इस एसओपी के तहत बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को 72 घंटे पहले कोविड टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट अपने साथ लानी होगी. साथ ही देवस्थानम् बोर्ड की वेबसाइट पर उन्हें अपनी आईडी और रिपोर्ट को रजिस्टर्ड करना होगा. जिसके बाद उन्हें चारधाम यात्रा के लिए पास जारी किया जाएगा. वहीं, बाहरी राज्यों से आने वाले तीर्थयात्रियों को अपने साथ कोविड-19 की टेस्ट की ओरिजनल रिपोर्ट और आईडी साथ रखनी होगी. जिसके बाद राज्य में प्रवेश के समय इनके पास और डाक्यूमेंट को चेक किया जाएगा.
कब शुरू हुई चारधाम यात्रा
उत्तराखंड की विश्वप्रसिद्ध चारधाम यात्रा एक जुलाई से जारी है. अनलॉक 2.0 के मद्देनजर उत्तराखंड सरकार पहले ही चारधाम यात्रा को शुरू कर चुकी है. लेकिन मॉनसून सीजन के दौरान चारधाम में यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं है. नए नियम के मुताबिक दर्शन में लोगों की भीड़ न लगे, इसके लिए टोकन सिस्टम की शुरुआत की गई है. इसके साथ ही चारधाम के यात्रियों को पुजारी के निकट जाना प्रतिबंधित होगा.
पहले ही खुल चुके हैं धाम के कपाट
प्रदेश के प्रसिद्ध धाम गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ, बदरीनाथ के कपाट खुल चुके हैं. 26 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खोले गए और 29 अप्रैल को बाबा केदारनाथ धाम के कपाट शुभ मुहुर्त में खोले गए. 15 मई को ब्रह्ममुहूर्त में बदरीनाथ धाम के कपाट खोले गए.
पर्यटन उत्तराखंड की आर्थिक रीढ़
उत्तराखंड में चलने वाली चारधाम यात्रा को प्रदेश की आर्थिक रीढ़ मानी जाती है. प्रदेश में चारधाम यात्रा शुरू होने से इस यात्रा से जुड़े लोग के सामने रोजगार के अवसर भी खुलते रहते हैं. टैक्सी चलाने वाले, यात्रा मार्ग पर स्थित होटल, रेस्टोरेंट और ढाबे, प्रसाद बनाने-बेचने, खच्चर-घोड़े वाले बड़ी उम्मीद से श्रद्धालुओं की राह ताकते हैं.