तेलंगाना: दशहरा उत्सव (Dussehra Festival) के मौके पर तेलंगाना में कन्याका परमेश्वरी देवी मंदिर (Temple) को एक करोड़ से ज्यादा कीमत के नोटों (Currency Notes) से सजाया गया. देवी को सजाने के लिए नोटों के फूल (Flowers) बनाए गए थे. कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के दौरान देश में आई आर्थिक मंदी के बीच इतनी बड़ी रकम सजावट में लगाना बहुत ही हैरान करने वाला है.
एक करोड़ (One Crore) से ज्यादा कीमत के अलग-अलग रंग के नोटों का इस्तेमाल माला (Garlend) और गुलदस्ते बनाने के लिए किया गया . वासकी कन्याका परमेश्वरी देवी का ये मंदिर हैदराबाद (Hyderabad) से करीब 180 किमी दूर तेलंगाना के गडवाल में मौजूद है, जहां दशहरा उत्सव के दौरान देवी (Goddess) को इतनी बड़ी रकम से सजाया गया था. मां परमेश्वरी को देवी दुर्गा का ही एक रूप माना जाता है.
कोरोना महामारी के बीच देवी के श्रंगार के लिए दी जाने वाली ये रकम बहुत बड़ी है, पिछले रिकॉर्ड से पता चला है कि यहां देवी को हमेशा से ही आभूषण और धन बड़ी तादाद में चढ़ाया जाता रहा है.
मंदिर के कोषाध्यक्ष पी रामू ने बताया कि पिछले साल नवरात्रि के मौके पर देवी को तीन करोड़ से ज्यादा रकम के नोटों के कपड़े पहनाए गए थे. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की वजह से आर्थिक संकट को देखते हुए देवी को सजाने के लिए इस साल कम नोटों का इस्तेमाल किया गया है.
उन्होंने कहा कि स्थानीय लोग देवी को सजाने के लिए पैसा देते हैं, वहीं पूजा के बाद उनके पैसे को उन्हें वापस कर दिया जाता है. इस साल 40 से 50 लोगों ने देवी की सजावट के लिए धन का योगदान दिया है.
दशहरा पर धरती पर होता है देवी का आगमन
परमेश्वरी मंदिर में पूरे साल अलग अलग त्योहारों के मौके पर देवी के अनेकों स्वरूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि और दशहरा उत्सव के दौरान शुक्रवार को देवी के धनलक्ष्मी स्वरूप को पूजा जाता है.
गांव में ऐसी मान्यता है कि दशहरा के दिन देवी परमेश्वरी पृथ्वी परअपने मायके में रहने आती हैं, इसीलिए नौ दिनों तक उनकी अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है. मां को बुराई का नाश करने वाला माना जाता है.
नवरात्रि के दौरान मंदिर में विशेष पूजा, प्रार्थना होती है, इस दौरान मनमोहक संगीत और नृत्य का भी आयोजन किया जाता है. साथ ही मंदिर को रंग-बिरंगे फूलों से सजाया जाता है.