अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए डीजीपी को तहरीर

देहरादून (नेटवर्क 10 संवाददाता)। त्रिपाठी कांड को लेकर पूरे प्रदेश में इनदिनों चर्चा बनी हुई है कि आखिर इसके दोषी के खिलाफ कार्रवाई कब होगी। इसी कड़ी में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया की ओर से पुलिस महानिदेशक को ईमेल के जरिये तहरीर भेजकर अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है। डीजीपी को ये तहरीर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल बनबासी की ओर से भेजी गई है। इसमें कहा गया है कि यूपी के विधायक अमनमणि त्रिपाठी को यूपी के सीएम के स्वर्गीय पिता के पितृ कार्य के नाम पर गलत तरीके से पास जारी किया गया। इस पास को जारी करने की सिफारिश एसीएस ओमप्रकाश ने पत्र लिखकर की थी। जिसके बाद देहरादून के डीएम की ओर से अनुमति जारी की गई।

कहां हैं वो पांच लोग?

आपको बता दें कि उत्तरप्रदेश के विधायक अमनमणि त्रिपाठी और उनके छह साथियों पर सोमवार को बिजनौर पुलिस ने कार्रवाई कर दी, लेकिन विधायक के साथ उत्तराखंड की सीमा में घूम रहे पांच अन्य  का अभी तक अता पता नहीं है। उन पर हाथ डालने से राज्य की पुलिस आखिर क्यों हिचक रही है। पुलिस के स्तर पर यह भी जानने की कोशिश नहीं दिखी कि आखिर ये पांचों लोग कहां हैं।

तीन मई को उप्र के सीएम योगी आदित्य नाथ के दिवंगत पिता के निमित्त पूजा के बहाने बदरीनाथ और केदारनाथ जा रहे विधायक और उनके 11 अन्य साथियों को चमोली जिले की सीमा से लौटा दिया गया था। आरोप है कि देहरादून से चमोली जाने और वहां से लौटने के दौरान इन लोगों ने कई जगह अफसरों के बदसलूकी की। उस रात ब्यासी थाने में इन सभी के खिलाफ महामारी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।

इसके बाद विधायक समेत सात लोगों को उप्र के बिजनौर जिले में गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन उनके पांच साथी रास्ते से कहां चले गए, किसी को कुछ नहीं पता। सवाल उठ रहा है कि जिन धाराओं में नजीबाबाद पुलिस ने विधायक और उनके साथियों को गिरफ्तार करने का साहस दिखाया, क्या बाकी पांच के खिलाफ ऐसी कार्रवाई नहीं की जा सकती। पुलिस क्यों इससे हाथ खींच रही है, यह चर्चा का विषय बना हुआ है।

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